एक साल पहले आत्महत्या करने वाले महंत नरेंद्र गिरि के सीलबंद कमरे से भारी मात्रा में कैश, जूलरी और प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं. तीन सदस्यीय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने गुरुवार को बाघंबरी मठ में महंत की मृत्यु के एक साल बाद उनके कमरे को खोला.
सूत्रों के मुताबिक, बरामद किया गया कैश ढाई करोड़ रुपये है. सामान बरामद करने की पूरी कार्रवाई की सीबीआई टीम ने वीडियोग्राफी भी की. कमरा महंत बलबीर गिरि की याचिका पर खोला गया था, जिन्होंने अदालत से मांग की थी कि मठ के अंदर की सारी संपत्ति और नकदी का मामले से कोई संबंध नहीं है, इसलिए इसे वापस किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने आदेश पारित किया था जिसके बाद सीबीआई की टीम ने एसीएम (3) अभिनव कनौजिया, एसीएम (4) गणेश कुमार और पुलिस सर्कल अधिकारी (4) राजेश यादव की उपस्थिति में एक बैंक अधिकारी के साथ कैश और जूलरी निकाले और इसे मठ अधिकारियों को सौंप दिया.
पिछले साल 20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष 62 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि श्री मठ बाघंबरी मठ में मृत पाए गए थे. इसके बाद, राज्य सरकार ने महंत की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई को 24 सितंबर को महंत के शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का मामला सौंपा गया.
एक महीने की जांच के बाद, जांच एजेंसी ने आरोप पत्र दायर किया, जिसमें कहा गया था कि आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी ने दिवंगत महंत की प्रतिष्ठा को बदनाम करने वाला एक आपत्तिजनक ऑडियो प्रसारित किया था और उन पर अत्यधिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव डाला था, जिससे उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा. तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया.