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अपनी जमीन खोने वाले कई लोगों को एनटीपीसी ने नहीं दी नौकरी

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1978 में चारपारा कोहड़िया की जमीन का हुआ था अधिग्रहण

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कोरबा जिले की एनटीपीसी परियोजना से प्रभावित अनेक लोगों को चार दशक बाद भी नौकरी नहीं मिल सकी है। प्रबंधन से लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद भी ऐसे लोग बेहद परेशान हैं। एक बार फिर इन लोगों ने 22 अप्रैल से अनिश्चितकालीन अनशन और धरना करने की चेतावनी दी है।

2100 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली एनटीपीसी की परियोजना कोरबा जिले के जमनी पाली में स्थापित की गई। इसके लिए बड़ी मात्रा में लोगों की जमीन का अधिग्रहण चार दशक पहले किया गया था। एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा ऐसे मामलों में प्रभावित वर्ग को रोजगार पुनर्वास और मुआवजा देने की बात कही गई थी। लंबा समय बीतने के बाद अभी भी बहुत सारे लोग रोजगार के लिए तरस रहे हैं। चारपारा कोहड़िया के लोगों की 178 एकड़ जमीन 80 के दशक में अर्जित की गई थी इसके विकल्प में अभी भी रोजगार देने का काम सभी मामले में नहीं हो सका है। विस्थापित लक्ष्मण केबर्त ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन लगातार वादाखिलाफी कर रहा है। एसडीएम और कलेक्टर से लेकर संभाग आयुक्त के पास चक्कर लगाने के बाद भी हमारे मामले लटके हुए हैं।

एक बार फिर ऐलान किया गया है कि एनटीपीसी के रवैया के कारण परेशानी बढ़ती आ रही है इसलिए 22 अप्रैल से तानसेन चौराहे पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जाएगा। ताकि हमारी सुध लेने के बारे में विचार किया जाए

इससे पहले भी कई मौकों पर एनटीपीसी के विरुद्ध विस्थापित समुदाय प्रदर्शन कर चुका है। हर बात आश्वासन देने के साथ लोगों को शांत कर दिया गया। देखना होगा कि अबकी बार नतीजे क्या कुछ आते हैं

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