Acn18.comधमतरी/ छत्तीसगढ़। स्कूलों में अब नया सत्र 2025-26 की शुरुआत होने वाली है, जिसको लेकर सरकारी और निजी स्कूलों में तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी के साथ ही अभिभावक भी अपने बच्चों के लिए नई कक्षा में प्रवेश को लेकर यूनिफॉर्म और किताबें जुटाने में लगे हुए हैं, पर उनके सामने निजी स्कूलों की मनमानी ने उनकी परेशानियों को और अधिक बढ़ा दिया है। निजी स्कूलों का कहना है कि उनके द्वारा निर्धारित दुकानों से ही किताबें और यूनिफॉर्म खरीदी जाए। इससे अभिभावकों को आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि स्कूल द्वारा निर्धारित दुकानों में किताबों और यूनिफॉर्म के दाम दोगुने बताए जाते हैं।
प्राइवेट स्कूलों का यह लूटने का फॉर्मूला वर्षों से चला आ रहा है, जिसके शिकार अभिभावक हर वर्ष होते हैं। पर प्रशासन का इस ओर न तो ध्यान है और न ही कोई कार्रवाई कर रही है।
इस विषय में जब कार्यालय शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूलों को उनकी मान्यता के आधार पर किताबें दी जाती हैं। सरकार द्वारा सीजी बोर्ड को मुफ्त किताबें दी जाती हैं। साथ ही सीबीएसई बोर्ड की भी किताबें ₹300 से ₹400 में आ जाती हैं, जो जरूरी हैं। इसके अलावा अगर अतिरिक्त किताबें खरीदने के लिए बोला जाता है, तो यह सरासर गलत है और स्कूल किसी तरह की किताब की बिक्री नहीं करेगा। इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियों पर कार्रवाई की जाएगी।