Acn18.com/रायपुर में बीजेपी नेता का अपहरण करने वाले आरोपी को पुलिस ने थाने से छोड़ दिया। आरोपी को उसकी मां देर रात थाने से लेकर चली गई। इसके बाद जबरदस्त बवाल हुआ। शिकायतकर्ता भाजपा नेता ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया और पुलिस के सामने कहने लगा कि अब खुद को आग लगाकर यही मर जाऊंगा।
यह पूरी घटना रायपुर शहर के टिकरापारा थाने की है, देर रात थाने में काफी हंगामा हुआ। पुलिस ने गंभीर धाराओं में पकड़े गए एक युवक को थाने से ही छोड़ दिया। भारतीय जनता पार्टी के सिविल लाइन मंडल के अध्यक्ष मनीष साहू ने हर्षवर्धन शर्मा पर आरोप लगाया था कि उसने उसे किडनैप किया, 5 लाख रुपयों कि मांग की, बंदूक दिखाई, मारपीट की। आरोपी हर्षवर्धन शर्मा समाजसेवीका ममता शर्मा का बेटा है। इससे पहले भी आपराधिक मामले में गिरफ्तार हो चुका है, अब यू थाने से उसे छोड़ दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
हर्षवर्धन शर्मा को छोड़ दिए जाने की जानकारी मिलते ही मनीष अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए। खुद पर पेट्रोल डाल दिया और आत्मदाह का प्रयास करने लगे। थाने के पुलिसकर्मियों ने मनीष के कपड़े फाड़कर उसपर पानी छींटकर उसे आग लगाने से रोका। मनीष अधिकारियों से कहता रहा कि मुझे हर्षवर्धन मारे इससे अच्छा मैं यही मर जाता हूं।
विरोध प्रदर्शन करते हुए अपहरण का आरोपी कहां है.. अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो.. जैसे नारे थाने में लगाए जाते रहे। कई घंटों तक चले बवाल के बाद मनीष थाने से लौटे। जैसे तैसे पुलिस ने समझा-बुझाकर मनीष को भेजा शिकायतकर्ता मनीष ने आरोप लगाया है कि थाने से ममता शर्मा अपने बेटे को लेकर चली गई पुलिस ने आखिर उसे किस वजह से जाने दिया यह समझ से परे है, यह मामला अपराधियों को संरक्षण देने का है।
सीएसपी सुरेश ध्रुव में दैनिक भास्कर को बताया कि इस मामले में आरोपी हर्षवर्धन को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। मामले की प्रारंभिक जांच करने पर यह बात सामने आई कि जो किडनैपिंग का दावा किया गया वह गलत था, सीसीटीवी फुटेज में देखने पर साफ समझ आया कि शिकायतकर्ता खुद आरोपी के साथ गया, इस वजह से पूछताछ के बाद फिलहाल आरोपी को जाने दिया गया है। आरोपी पर नियमानुसार कार्रवाई होगी । मामले की छानबीन की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या शिकायत झूठी थी सीएसपी ने कहा कि इसकी हम जांच कर रहे हैं यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
दर्ज FIR के मुताबिक 12 जुलाई की रात हर्षवर्धन ने मनीष को चाय पीने चलते हैं कार में बैठाया। इसके बाद 13 जुलाई की सुबह 7 बजे तक उसे बंधक बनाकर रखा। फॉर्म हाउस ले जाकर बुरी तरह पीटा और 5 लाख रुपए की डिमांड की। सुबह अपनी जान बचाने के लिए मनीष ने हर्षवर्धन से कहा कि, पचपेड़ी नाका चलो मैं वहां रुपए दे दूंगा। हर्षवर्धन अपनी कार में बैठाकर मनीष को पचपेड़ी नाका से भांठागांव तक तीन बार आना जाना करके उसे घुमाता रहा। पचपेड़ी नाका ओवरब्रिज के नीचे मौका देखकर कार का गेट खोलकर मनीष कूद गया। बाद में शिकायत मिलने पर हर्षवर्धन को पकड़ा और करीब 24 घंटे थाने में रखने के बाद छोड़ दिया।
क्या पुलिस ऐसा कर सकती है
पुलिस ने भाजपा नेता मनीष की शिकायत के आधार पर हर्षवर्धन और इसके साथियों पर 294-IPC, 323-IPC, 34-IPC, 365-IPC, 384-IPC, 506-IPC। कानूनी जानकारों ने बताया कि धारा 365 अपहरण के प्रयास और 384 धमकाकर वसूली की वजह से लगाई गई इसमें आरोपियों को थाने से नहीं छाेड़ा जा सकता। ये गैर जमानतीय अपराध हैंं। पुलिस ने युवक को पकड़ने के बाद जांच में पाया कि मामले में दम नहीं तो पहले FIR दर्ज नहीं करना था, यदि FIR हुई युवक को पकड़ा तो तथ्य कोर्ट में रखे जाने थे।