Acn18.com/छत्तीसगढ़ प्रदेश गठन के बाद पहला मौका है जब आदिवासी को नेतृत्व को मौका मिला है। ऐसे में भी पांचवी अनुसूची वाले कोरबा जिले में आदिवासियों की स्थिति बहुत ज्यादा नहीं सुधर सकी हैं। अलग-अलग कर्म से उनके सामने गंभीर परेशानियां निर्मित हो रही है। एसईसीएल की डिस्पेंसरी में काम करने वाले परमेश्वर राठीया के द्वारा 16000 का लिया गया कर्ज उसकी परेशानी का कारण बना हुआ है। मोनू खान नामक सूदखोर उससे 3 लाख वसूल चुका है। इस मामले की शिकायत कोरबा के पुलिस अधीक्षक से की गई है।
जनजातीय बाहुल्य कोरबा जिले में यह मामला जुड़ा हुआ है कुसमुंडा से। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कुसमुंडा क्षेत्र की डिस्पेंसरी यहां पर संचालित होती है जिसमें वार्ड बॉय के तौर पर परमेश्वर रतिया नामक आदिवासी युवक काम करता है । कंपनी की ओर से उसे वेतन के अलावा कई सुविधा भी प्राप्त होती हैं इसके बावजूद अनेक ऐसे कर्मचारी हैं जो अलग-अलग कारण से कई मेको पर सूदखोरों से रुपए उधार लेते हैं और उन्हें बाद में उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। परमेश्वर के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। उसने बताया कि घर में छठी कार्यक्रम था इसलिए रूपों की जरूरत थी बगल में रहने वाले ताजुद्दीन की सलाह पर उसने कोरबा के मोनू खान से ₹16000 उधार लिए थे यह बात मार्च 2021 की है।
परमेश्वर ने बताया कि 16000 रुपए का भुगतान बहुत पहले किया जा चुका है। सूदखोर ने चालबाजी करते हुए परमेश्वर के नाम से बुलेट खरीदी और अब लगातार उससे ही इसकी भरपाई कर रहा है। अब तक ₹300000 का भुगतान होने से परेशान है.
इस मामले की शिकायत पीड़ित पक्ष के द्वारा पुलिस अधीक्षक कैसे की गई है जिस पर अधिकारी ने अधिकतम 2 दिन के भीतर इस मामले का निराकरण करने का आश्वासन दिया है।
इससे पहले सूदखोरों की प्रताड़ना से संबंधित कई मामले कोरबा जिले में आ चुके हैं और इनमें से कुछ प्रकरणों में पीड़ित पक्ष के द्वारा परेशान होकर खुद खुशी भी किया चुकी है। जानकारी के अनुसार कोरबा के कुछ चर्चित सूदखोरों के यहां ऐसे पीड़ित लोगों के एटीएम कार्ड से लेकर पासबुक भी बंधक बने हुए हैं जिनके माध्यम से वे लगातार पीड़ित लोगों के खाते से सीधे रकम निकलने में सफल हो रहे हैं। इस दिशा में भी कार्रवाई करने की जरूरत है