विधायक देवेंद्र यादव 7 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए हैं। मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उनकी पेशी हुई। वहीं देवेंद्र यादव ने दुर्ग भिलाई का रीजनल पेपर और रोजाना वकील से मुलाकात/वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मांग की, इसे भी जज ने मंजूर किया है।
इससे पहले मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष महंत समेत कांग्रेसी विधायक देवेंद्र यादव से मिलने सेंट्रल जेल भी पहुंचे। भूपेश बघेल ने साय सरकार पर विधायक देवेंद्र यादव को धोखे से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, जितने भी नोटिस मिले, वो सिर्फ गवाही देने के लिए थे। जेल में देवेंद्र यादव ने बताया कि उनको FIR की कॉपी नहीं दी गई और न ही बताया गया कि किस अपराध में गिरफ्तारी हुई।
24 अगस्त को कांग्रेस का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि, हम यहां मिलने के लिए आए थे। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर 5 से ज्यादा लोगों को मिलने नहीं दिया गया। हम 5 लोग मैं, भूपेश बघेल, रविंद्र चौबे, उमेश पटेल और लालजीत सिंह राठिया को अनुमति दी गई।
कांग्रेस प्रयास करेगी कि इस अन्याय के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे और आने वाले दिनों में राज्यपाल से मिलेंगे। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने राजीव भवन में कांग्रेस के सभी विधायकों की बैठक ली। इसमें सरकार को घेरने की रणनीति तय की गई। कांग्रेस गिरफ्तारी के खिलाफ 24 अगस्त को प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी।
जेल में बंद युवाओं पर बनाया जा रहा गलत बयान का दबाव
बलौदाबाजार पुलिस ने शनिवार को भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने 3 दिन के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव को लगातार नोटिस जारी किया गया था। चौथी बार नोटिस जारी होने के बाद विधायक ने बयान देने जाने से मना किया। उन्होंने कहा था कि पुलिस को जो भी बयान लेना है, उनके पास आए और लेकर जाए।
गिरफ्तारी से पहले देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि जेल में बंद सतनामी समाज के युवाओं को मेरे खिलाफ जबरन बयान देने के लिए धमकाया जा रहा है। उनसे ये बोलने को कहा जा रहा है कि देवेंद्र यादव 12 गाड़ियों में भरकर लोगों के साथ आए थे।
देवेंद्र यादव एक बार 22 जुलाई को बलौदाबाजार पहुंचकर बयान दर्ज भी करा चुके हैं। विधायक के मुताबिक वो अपने राजनीतिक काम छोड़कर बार-बार बयान दर्ज कराने बलौदाबाजार नहीं आएंगे। मैंने अपना जवाब पुलिस को भेज दिया है। जरूरत पड़ने पर मैं राज्यपाल से मुलाकात करूंगा। न्यायालय की सहायता से इसका सामना करूंगा।