ACN18.COM कोरबा/मोहल्ला स्तर पर लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा देने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले कई वर्षों से मितानिओं को दे रखी है । दवा वितरण के साथ यह वर्ग लोगों को उचित सलाह देने का काम भी करता है। इनकी सेवाओं के बदले सरकार ने प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की है लेकिन मार्च के बाद से इस राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसके चलते मितानिन काफी परेशान है।
सामान्य स्वास्थ्य सेवा के लिए नागरिकों को अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़े , इस उद्देश्य के साथ कोरबा जिले में भी वार्ड और मोहल्ला स्तर पर मितानिन की सेवाएं प्राप्त हो रही हैं। सर्दी खांसी उल्टी दस्त से लेकर सिर दर्द और चक्कर आने जैसी समस्याओं के साथ साथ 13 प्रकार की दवाएं मितानिन के पास हमेशा मौजूद रहती है। स्वास्थ विभाग समय-समय पर इन्हें प्रशिक्षण भी दे रहा है और दूसरी बीमारियों के बारे में लगातार अवगत करा रहा है ताकि इन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सके। काफी समय से सेवा देने के बावजूद इन महिलाओं को मानदेय या वेतन देने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में नहीं हुई है। इसके बदले प्रोत्साहन राशि जरूर दी जा रही है । कोरबा जिले में मितानिन संघ के अध्यक्ष ने बताया कि मार्च 2022 के बाद से उन्हें अब तक प्रोत्साहन राशि देने के बारे में अधिकारियों ने रुचि नहीं दिखाई है जिसके चलते कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया गया है कि भारत सरकार के द्वारा कोविड- कालखण्ड के दौरान इन महिलाओं को कामकाज के बदले प्रति महीने ₹1000 देने की योजना शुरू की गई थी। यह राशि जारी हो गई है लेकिन कुछ महीने का भुगतान करने के बाद बाकी का अता पता नहीं है। मितानिन संघ ने आर्थिक मसलों को लेकर आगे आंदोलन करने की बात कही है।
मूलभूत सुविधाओं के साथ नागरिकों के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी है वह है अच्छा स्वास्थ्य। इस नाते जरूरी हो जाता है कि जो वर्ग आड़े वक्त पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में लगा हुआ है सरकार उनके हितों का संरक्षण करने के प्रति गंभीर हो।
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