acn18.com छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल अब नए सत्र 2024-2025 से पूरक परीक्षा नहीं बल्कि सेकंड चांस एग्जाम आयोजित करेगा। इसे एक सत्र में दो परीक्षा नाम दिया गया है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सूचना जारी की है। इसके लिए छात्रों और उनके परिजनों से 9 जून तक इस परीक्षा के लिए सुझाव भी मंगाए हैं।
सत्र 24-25 से होगा लागू
एक ही सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षा के फैसले के बाद से ही चर्चा थी कि विभाग इसे सत्र 25-26 से लागू कर सकता है। लेकिन विभाग ने सत्र 24-25 से इस नियम को लागू करने की तैयारी में हैं। परिजनों और छात्रों के सुझाव के आधार पर जल्द ही पूरे दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे।
जानिए क्या है पूरी योजना?
छत्तीसगढ़ में अब दो बार बोर्ड की परीक्षाएं होंगी। दूसरी बार परीक्षा जून में होगी, जिसमें पहली परीक्षा में फेल, सप्लीमेंट्री या फिर अनुपस्थित रहे छात्रों को मौका मिलेगा। इससे स्टूडेंट्स का साल खराब नहीं होगा।
पूरक आने वाले छात्र एक विषय की परीक्षा देंगे
दो बार बोर्ड परीक्षा के तहत पहली परीक्षा में अगर किसी छात्र को पूरक आता है या फिर दो विषय में फेल हो जाते हैं, तो दूसरी परीक्षा वे संबंधित विषय की देंगे। अगर वे चाहें तो श्रेणी सुधार और ज्यादा नंबर के लिए सभी विषयों के एग्जाम्स में भी बैठे सकते हैं।
पहली परीक्षा में पास हुए विषय की दोबारा परीक्षा देने में अगर छात्र फेल हो जाते हैं, तब भी पहले रिजल्ट के आधार पर उन्हें पास माना जाएगा। जानकारों का कहना है कि दो बार बोर्ड एग्जाम का फॉर्मूला लागू होने के बाद अलग से पूरक परीक्षा नहीं होगी। द्वितीय परीक्षा में भी यह तब्दील हो जाएगी।
पहली परीक्षा में पंजीकृत छात्र ही दूसरी के लिए कर सकेंगे आवेदन
साल में दो बार परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु इस तरह से हैं। पहली परीक्षा के लिए पंजीकृत छात्र ही दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहली परीक्षा में जो विषय लेंगे, वहीं दूसरी में भी रखना होगा। विषय में बदलाव नहीं होगा। पहली परीक्षा के बाद दूसरी के लिए आवेदन भरे जाएंगे।
जिन छात्रों को पूरक मिला है, जो फेल हैं, वे दूसरी परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे। श्रेणी सुधार के लिए भी दूसरी परीक्षा के फॉर्म भर सकते हैं। वे छात्र जो आवेदन के बाद पहली परीक्षा में शामिल न हो पाए हो, वे दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। द्वितीय परीक्षा का रिजल्ट दोनों परीक्षाओं में विषयवार अधिक प्राप्त अंक के आधार पर तैयार किया जाएगा।
यह होगा फायदा
- छात्रों और माता-पिता का तनाव कम होगा।
- कोर्स दो भागों में होने से पढ़ाई में आसानी।
- मूल्यांकन सही से होगा।
- हर चैप्टर को समान वेटेज मिलेगा।
- शिक्षकों को कोर्स पूरा करने में सुविधा।