spot_img

केदारनाथ आपदा में लोगों को बचाने वाला लैंडस्लाइड में शहीद:दिल्ली में लेफ्टिनेंट कर्नल का अंतिम संस्कार;भाई बोले-कई रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए,अब खुद आपदा का शिकार

Must Read

ACN18.COM भिलाई/ भिलाई के नेहरू नगर कालीबाड़ी निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय ड्यूटी के दौरान लैंडस्लाइड की चपेट में आकर देश के लिए शहीद हो गए। उनका पार्थिव शरीर सोमवार को इंफाल से आर्मी के दिल्ली हेड क्वार्टर लाया जाएगा। इसके बाद नई दिल्ली के बरार स्क्वायर मुक्ति धाम में पूरे रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इधर भिलाई में परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां और बहन सहित परिवार के अन्य लोग सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

- Advertisement -

1 दिसंबर 1979 को भिलाई में जन्मे लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव का बचपन से ही सपना था कि वो आर्मी में जाकर देश की सेवा करें। इसके लिए उन्होंने स्कूल लेवल से ही तैयारी शुरू कर दी थी। उनकी शुरुआती पढ़ाई सेक्टर 10 सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई। आर्मी में जाना था इसलिए उन्होंने एनसीसी ज्वाइन किया। इसके बाद सीडीएस की परीक्षा पास की।

लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय
लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय

कपिल देव के चचेरे बड़े भाई संजय पांडेय ने भास्कर से बताया कि वह बचपन से काफी होनहार थे। आर्मी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने हर एक कठिन से कठिन ट्रेनिंग को पास किया और सेना के बेस्ट ऑफिसर बने। उन्होंने ड्यूटी के दौरान केदारनाथ जैसे कई जगहों में प्राकृतिक आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए। इंफाल में भी वो रेलवे ट्रैक बिछाए जाने के लिए बनाए गए आर्मी कैंप को लीड कर रहे थे। जब उनके भूस्खलन में फंसने की बात सामने आई तो किसी को ये विश्वास नहीं हो रहा था कि कपिल की जान जा सकती है। रविवार दोपहर को जब आर्मी कैंप से फोन आया कि कपिल नहीं रहे तो उनकी बात का विश्वास ही नहीं हो रहा था।

नेहरू नगर स्थित घर में मौजूद कपिल का परिवार व अन्य
नेहरू नगर स्थित घर में मौजूद कपिल का परिवार व अन्य

फोन की घंटी बजते ही डर जा रही थी मां

कपिल देव पांडेय के चाचा विनोद तिवारी ने बताया कि लैंडस्लाइड में लापता होने की घटना के बाद से पूरा परिवार डरा हुआ था। फोन की घंटी बजते ही कपिल की मां डर जाती थी। वो तुरंत फोन उठाती और यही पूछती कि कपिल कैसा है। रविवार को जब उसके दुनिया से जाने की खबर आई तो मां और बड़ी बहन पूरी तरह टूट सी गई हैं। उन्हें दिलासा देने के लिए परिवार, रिश्तेदार और परिचित लोग पहुंच रहे हैं।

उनकी बहन भावना पांडेय का कहना है कि कपिल हर शनिवार या रविवार को फोन करके मां और उनसे बात करता था। न जाने उसे ऐसा क्या महसूस कि उसने बुधवार को आर्मी बेस कैंप से दुर्घटना से कुछ सेकेंड पहले फोन किया। शायद उसे कुछ आभास हुआ होगा और उसने अपनी मां के अंतिम दर्शन करने के लिए वीडियो कॉल किया।

परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचे लोग
परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचे लोग

अंतिम संस्कार के लिए चलता रहा मंथन

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल देव पांडेय का अंतिम संस्कार कहां होगा इसका परिवार के लोग निर्णय नहीं ले पा रहे थे। इसके बाद बड़ी बहन भावना पांडेय ने कपिल की पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल छवि पांडेय से बात की। उन्होंने कहा कि वो खुद ठोस और सही निर्णय लें। आर्मी हेडक्वार्टर से फोन आया तो परिवार वालों ने कहा कि कपिल भिलाई का बेटा था इसलिए अंतिम संस्कार यहीं होना चाहिए।

इस पर आर्मी के ऑफिसर्स ने उन्हें समझाया कि कपिल केवल भिलाई का ही बेटा नहीं था वो पूरे देश का बेटा था। तीन चार दिनों तक लैंडस्लाइड में फंसने से उसका पार्थिव शरीर इस लायक नहीं है कि उसे यहां लाया जाए। बाद में सभी ने यह तय किया उसका अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जाए। 4 जुलाई को बरार स्क्वायर मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मां से कह रहे थे ट्रांसफर कराने की बात

कपिल देव पांडेय ने बुधवार रात करीब साढ़े 12.30 बजे अपनी मां को वीडियो कॉल किया था। इस पर मां ने कहा कि अब वह अपना ट्रांसफर घर के नजदीक करवा ले। पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल छवि पांडेय भी यही चाहती थीं। परिवार वालों का कहना है कि कपिल उनका ही नहीं पूरे देश का बेटा था। उसकी जिम्मेदारी पूरे देश के प्रति थी। उसने देश के लिए अपने प्राण देकर माता-पिता परिवार, जिला और पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ा दिया है।

रायपुर : झुमका आइलैंड पर झूम उठेगा पर्यटकों का दिल

377FansLike
57FollowersFollow


v

377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

पीएचई में इंजीनियर्स सहित 181 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त,मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने दी स्वीकृति

Acn18.comरायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित अन्य...

More Articles Like This

- Advertisement -