Acn18.com/कोरबा जिले में तापमान का स्तर 43 डिग्री के आसपास चल रहा है और इससे के कारण लू की स्थिति भी बनी हुई है। इंसानों के साथ-साथ वन्य प्राणियों के सामने भी कई प्रकार के मुश्किल इस मौसम में पेश आ रही हैं। एतमानगर वन परिक्षेत्र में एक तेंदुआ मौसम के इसी तेवर के कारण सुस्त पड़ गया। आसपास के ग्रामीणों ने उसकी हरकतों को देखकर वन विभाग को सूचना दी। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर एक टीम ने इस तेंदुआ का रेस्क्यू किया है। पशु चिकित्सक की सलाह के बाद इस मामले में आगे निर्णय लिए जाएंगे।
गर्मी का मौसम एक स्थिति के बाद हर किसी के लिए समस्याएं लेकर आता है और इस दौर में कई चुनौतियां सामने आती हैं। ऐसी स्थिति में जिसने मजबूती से मुकाबला किया वह टिका रहता है और हालात विपरीत होने पर स्वास्थ्य पर असर पड़ता ही है चाहे वह इंसान हो या जंगल में रहने वाले जानवर। कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत आत्मा नगर वन परिक्षेत्र में ऐसा ही मामला सामने आया जहां पर लू चलने के कारण एक तेंदुआ की जान आफत में पड़ गई। फुर्तीला जानवर अचानक से शिथिल पड़ गया। कोंकोना के कक्ष संख्या 734 के पास उसे कुछ लोगों ने देखा तो वे सहम गए। फिर उन्होंने वन विभाग को इस बारे में जानकारी दी ताकि आगे की कार्रवाई हो सके। मामला संज्ञान में आने के बाद वन विभाग के स्थानीय अधिकारी हरकत में आए और तेंदुआ की स्थिति पर नजर रखने के साथ उसके रेस्क्यू के बारे में रणनीति बनाई। डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि तेंदुआ की जिस तरह की हरकतें हुई हैं उसके पीछे मुख्य रूप से हीट स्ट्रोक का असर हो सकता है। वन विभाग के पशु चिकित्सक से परीक्षण करने के साथ हमारी टीम ने उसका रेस्क्यू किया है जो बिलासपुर से आई है।
डीएफओ ने बताया कि जंगली जानवर को कुशलता पूर्वक रेस्क्यू करने की प्रक्रिया कई घंटे के बाद पूरी कर ली गई। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इस मामले में आगे निर्णय लेंगे कि तेंदुआ को आखिर कहां रखा जाना है।
नेशनल हाईवे 130b पर मुख्य मार्ग से कुछ की दूरी पर जंगल में तेंदुआ का रेस्क्यू किए जाने की खबर होने पर मीडिया समेत आसपास के क्षेत्र के लोग भी पहुंच गए थे जिन्हें किसी प्रकार से नियंत्रित किया गया। आसपास के ग्रामीण इस बात को लेकर चर्चा करने में व्यस्त थे कि स्वस्थ होने पर जो तेंदुआ जंगल में अफरा तफरी का माहौल पैदा कर देता है वही बीमार होने पर लोगों के लिए किस प्रकार से दया का पत्र बन जाता है