Acn18.com/कोरबा को जसपुर जिला से जोड़ने वाले कम दूरी के मार्ग में कोरकोमा गांव का वर्षों पुराना पुल जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। काफी समय से इस पर चिंता जताई जा रहे हैं। इसके सुधार और नव निर्माण को लेकर किसी प्रकार की आवश्यकता नहीं समझी गई है। अगर यहां पर किसी तरह का हादसा होता है तो उस स्थिति में लोगों को लंबा चक्कर लगाकर अपने गंतव्य को पहुंचना होगा।
हालांकि जसपुर और रांची के लिए सरकार के द्वारा भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत पर्याप्त चौड़ाई की सड़क कोरबा उरगा होकर बनाई जा रही है। इसके बन जाने से कई प्रकार की सहूलियत लोगों को होगी। लेकिन अपना समय और रुपया बचाने के लिए हजारों की संख्या में लोग काफी समय से कम दूरी वाले ग्रामीण मार्ग का उपयोग कर रहे हैं। यह मार्ग झगरहा, बताती, कोरकोमा, पसरखेत, कुदमुरा होकर आगे जाता है । कोरकोमा गांव के मुख्य मार्ग पर लोक निर्माण विभाग के द्वारा कई दशक पहले नाला पर बनाया गया पुल जर्जर स्थिति में पहुंच गया है । उपसरपंच अमीर सिंह राठिया और बालमुकुंद राठिया ने बताया कि उनके जन्म से पहले यह पुलिया पर बना हुआ है। वर्तमान में इसकी हालत अच्छी नहीं है। लेकिन इस तरह शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
आशंका जताई जा रही है कि लगातार भारी वाहनों का परिचालन इस रास्ते से होने के कारण जर्जर पुल पर दबाव बढ़ रहा है और ऐसे में यह कभी भी ध्वस्त हो सकता है। ऐसी स्थिति में मुख्य मार्ग पूरी तरह से महादेव हो जाएगा और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए कम से कम 30 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
नागरिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में काम किए जा रहे हैं। सड़कों का विस्तार भी इसी कड़ी में किया जा रहा है। इन सबके बीच कोरकोमा गांव में मुख्य मार्ग पर कुल की बदहाल स्थिति कई प्रकार की आशंकाओं को जन्म दे रही है। ऐसे में इंतजार किए बिना फुल के नव निर्माण को लेकर योजना बनाने के साथ अगले काम को करने की मानसिकता बनाई जानी चाहिए।