Acn18.com/मेडिकल कॉलेज कोरबा में मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। वही बढ़ रही है मरीजो और उनके परिजनों की समस्या भी। मरीज चलकर अस्पताल में प्रवेश करने में अक्षम है। उसे व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की जरूरत है लेकिन यह सुविधा प्राप्त होना उतना ही कठिन है जितना चींटी का दूध। मरीज को परिजन स्वयं बेड तक पहुंचाते हैं कारण पूछने पर बताया जाता है की अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या तो खूब है लेकिन वार्ड बॉय नाम मात्र के हैं। जो है भी वह चेहरा देख-देख कर सेवा प्रदान कर रहे हैं
स्वर्गीय विसाहू दास महंत मेडिकल कॉलेज इन दिनों मरीजो के कारण खूब आबाद है। यहां मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, वहीं सुविधाये सिकुड़ रही है। अक्सर देखा जाता है कि जिन मरीजों को स्ट्रेचर या व्हीलचेयर की आवश्यकता होती है उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पाती। कभी स्ट्रेचर या व्हीलचेयर नहीं रहता है तो अधिकतर वार्ड बॉय उपलब्ध नहीं होते। शनिवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में मातावो के लिए दी जा रही वाहन सुविधा 102 का चालक ग्राम कटसीरा निवासी खूबचंद बेटी को लेकर पहुंचा उसने कई लोगों से मिन्नत की कि मरीज को वार्ड तक ले जाने के लिए किसी वार्ड बॉय को भेजा जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।काफी देर इंतजार करने के पश्चात दर्द से तड़पती बेटी को खूब चंद और उनका परिवार स्ट्रेचर में लिटाकर चिकित्सकीय सुविधा की मनुहार लेकर चिकित्सकों तक पंहुचा .शनिवार को ही आयुष विंग में उपचार के लिए जा रही एक महिला को चलने में असमर्थ होने के कारण व्हीलचेयर की सुविधा तो मिल गई लेकिन वार्ड बॉय आधे रास्ते में ही मरीज को छोड़कर वापस लौट गया। जाते-जाते उसने कहा की डॉक्टर उसे ऐसा करने से मना करते हैं मेडिकल कॉलेज कोरबा में अनेक सुविधाएं हैं लेकिन वार्ड बॉय अस्पताल पहुंचने वाले मरीज की पहली आवश्यकता है बावजूद इसके इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एक मजेदार वीडियो शनिवार को ही हमें मिला जिसमें नर्सें वार्ड बॉय से मनुहार कर रही हैं कि वह मरीजों की तीमारदारी में मदद करें लेकिन जवाब मिलता है कि मरीज नहीं है. जबकि इसी वक्त एक मरीज को आधे रास्ते में छोड़ दिया जाता है और एक मरीज के परिजनों को खुद ही स्ट्रेचर खींचकर अस्पताल के भीतर मरीज को लाना पड़ता है
क्या हो गया है सेवा की शपथ लेने वालों को। मेडिकल कॉलेज कोरबा में इस वक्त 100 से अधिक चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनकी संख्या और सेवा को देखते हुए ग्रामीण तो छोड़िए शहरी इलाके से भी बड़ी संख्या में मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार और कोरबा जिला प्रशासन अपनी तई पूरी सुविधा प्रदान करने का प्रयास करता है किंतु यहां पदस्थ कर्मचारी और अधिकारी यदि इसी तरह अपने कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतेंगे तो निश्चित ही मेडिकल कॉलेज में बढ़ती भीड़ धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी और सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ेगा। इसलिए जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इस दिशा में ध्यान देकर लापरवाह कर्मचारियों को चेतावनी दे,बावजूद इसके यदि इसी तरह मनमानी की जाती रहे तो जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाए