Acn18.com/कोरबा जिले में शनिवार शाम हुई झांझम बारिश ने एसईसीएल की कुसमुंडा माइंस में जमकर तबाही मचाई है। मात्र एक घंटे की मूसलाधार बारिश से माइंस के अंदर तक पानी घुस गया, जिससे कोयला उत्पादन कुछ समय के लिए प्रभावित हुआ। जलभराव की वजह से खदान के अंदर काम करना मुश्किल हो गया था, और इस स्थिति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में माइंस की सड़कों/हॉल रोड पर पानी का तेज बहाव और ओपनकास्ट खदान के बेंचों से ऊंचाई से गिरता पानी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। यह वीडियो गाड़ी में बैठे किसी ऑपरेटर या सहकर्मी द्वारा बनाया गया प्रतीत होता है, जो ढलान में नीचे से ऊपर की ओर बढ़ रहे थे। कई सोशल मीडिया चैनलों पर इन दृश्यों में संगीत आदि भी जोड़ा गया है।
यह घटना पिछले साल की बारिश की याद दिलाती है, जब एसईसीएल कुसमुंडा खदान में पानी भरने से ड्यूटी पर तैनात एक इंजीनियर खदान में फंस गए थे और उनकी मौत हो गई थी। उस घटना ने प्रबंधन की काफी किरकिरी कराई थी, और अब एक बार फिर बारिश ने एसईसीएल प्रबंधन की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है, जिससे उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार, कुसमुंडा खदान सामान्य रूप से संचालित हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो में दिख रहा पानी खदान की माइन रोड/हॉल रोड पर तेज प्रवाह से बारिश के पानी का बहाव है।
अधिकारी ने बताया कि कल खदान से 40,000 टन कोयला निकाला गया है, वहीं लगभग 80,000 टन कोयला प्रेषित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के दिनों में खुली खदानों से उत्पादन प्रभावित होता है, विशेषतः तेज बारिश के समय कर्मियों और मशीनों की सुरक्षा के मद्देनजर कार्य कुछ समय के लिए रोका जाता है और फिर शुरू कर दिया जाता है। यह एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है। जनसंपर्क अधिकारी ने जोर देकर कहा कि कुसमुंडा खदान सामान्य रूप से संचालित है, बंद नहीं है, और कल तीनों पालियों में यहां कोयला निकाला गया है
हालांकि, वीडियो के वायरल होने और पिछले साल की घटना को देखते हुए, प्रबंधन को चाहिए कि वह माइंस की सुरक्षा के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। माइंस की सुरक्षा और रखरखाव के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।