KORBA: अपमानित हो रही छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीरे, मुख्यमंत्री के चित्रों का भी यही हाल, आईसीडीएस कार्यालय में चौतरफा कुप्रबंधन

Acn18.com/छत्तीसगढ़ से जुड़ी चीजों को प्रमुखता से प्रचारित करने का काम प्रदेश सरकार लगातार कर रही है। सरकार का पूरा फोकस छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा के साथ-साथ यहां के मूल विषयों पर है। इन सबके बावजूद छत्तीसगढ़ महतारी को लेकर महिला और बाल विकास विभाग बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है। शायद यही कारण है कि कोरबा जिले में आईसीडीएस के कार्यालय परिसर में छत्तीसगढ़ महतारी के साथ-साथ मुख्यमंत्री की तस्वीरें लगातार अपमानित हो रही है। हैरानी इस बात की है कि विभाग उसका पूरा तंत्र सब कुछ जानते हुए भी चैन की नींद सो रहा है।

छत्तीसगढ़ की आन बान और शान को लेकर लगातार बातें की जाती रही है। छत्तीसगढ़ महतारी इसी से जुड़ा बड़ा विषय है, जो अस्मिता का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि, तीज त्यौहार, परंपरा के साथ-साथ लोकजीवन मैं छत्तीसगढ़ महतारी की उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है। इसीलिए प्रदेश सरकार में छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में प्रशासनिक कार्यालय के सामने 10 फिट ऊंची छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कराइ है। इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से छत्तीसगढ़ महतारी और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीरें लगाए जाने का आदेश भी जारी किया है। बड़ी संख्या में इस तरह की कॉपियां बनाई गई है जिन्हें कार्यालयों के जरिए संबंधित इकाइयों तक पहुंचाने के साथ वहां लगवाना भी। वह भी पूरे सम्मान के साथ। इधर कोरबा जिले में एकीकृत महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय में सरकारी आदेश का परिपालन करने को लेकर ना तो अधिकारिक गंभीर है और ना ही कर्मचारी। इसका जीता जागता नमूना है अपमानित होती हुई यह तस्वीरें। बारिश के सीजन में जहां-तहां से पानी के रिसाव के बीच महिला बाल विकास विभाग के इस कार्यालय के एक हिस्से में छत्तीसगढ़ महतारी और मुख्यमंत्री की तस्वीरें इस तरह से अपमानित हो रही है। बड़े-बड़े कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ महतारी की दुहाई देने और उनके नाम पर भारी-भरकम आयोजन करने के बीच वास्तविकता क्या है यह दर्शाने वाली तस्वीर किसी को भी परेशान कर सकती है। सरकारी कार्यालय में मौजूद स्थिति यह दर्शाती है कि या तो मजबूरी बस अधिकारियों ने इन तस्वीरों को बुलवा लिया है या फिर वह और किसी कारण से इन्हें सही जगह पर भेजने या लगाने को लेकर मानसिक रूप से तैयार बिल्कुल नहीं है। सरकार के उच्च अधिकारियों को लगता है कि अगर उनकी मंशा के अनुसार काम नहीं हो रहा है तो कम से कम उन्हें गैर जिम्मेदार तंत्र पर कार्रवाई करने के बारे में गंभीरता दिखानी चाहिए।