acn18.com कोरबा /गोवंश संरक्षण को लेकर सरकार और सामाजिक संगठन अपनी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही कोरबा में जिला जेल परिसर में एक गौशाला संचालित हो रही है, जहां पर जेल स्टाफ के साथ-साथ विभिन्न मामलों में यहां आने वाले अपराधी गायों की सेवा करने को लेकर उत्साहित है। सभी को ऐसा लगता है कि यह काम करने से उनके जीवन में सफलता ऊर्जा का संचार हो रहा है।
समय के साथ जिलों का स्वरूप बेहतर करने की कोशिश की जा रही है और इसके अंतर्गत कई प्रकार के आयाम शामिल किया जा रहे हैं। कोरबा के जिला जल परिसर में पार्श्वनाथ गौ सेवा समिति ने अपने सरोकार दिखाने के साथ उन गायों की देखभाल करना तय किया है जो या तो बीमार है या फिर उम्रदराज। विभिन्न क्षेत्र से लाइ जाने वाली गायों को यहां रखने के साथ उनकी सारसंभल की जा रही है।
जिला जेल के जेलर खुद भी गौ सेवा में रुचि रखते हैं। उन्हें इस बात की प्रसन्नता है की जेल स्टाफ के साथ-साथ अपराधी थी गायों की सेवा करने को लेकर अग्रणी है। समाज जिन्हें खूंखार अपराधी समझता है उन्हें यहां पर गायों के सामने नतमस्तक होते देखा जाता है।
जेलर विज्ञानंद सिंह बताते हैं कि निश्चित रूप से गायों में जो तत्व शामिल है वे अपने संपर्क में आने वाले लोगों को सकारात्मक ऊर्जा से भरते हैं और लोग खुद इसे महसूस करते हैं। कोरबा सहित कई जेल में इस प्रकार के प्रयोग चल रहे हैं।
गोवंश की उपयोगिता और उसके महत्व पर प्राचीन काल से लेकर अब तक लगातार न केवल बात हो रही है बल्कि काम भी हो रहा है। सृष्टि के लिए गोवंश किसी वरदान से काम नहीं है। कई प्रकार की मान्यताएं उनके बारे में बनी हुई है और इसे समाज के साथ-साथ संसार खुद स्वीकार कर रहा है
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