कोरबा. पैर में हुए सूजन के इलाज में लापरवाही बरतना एक ग्रामीण को काफी महंगा पड़ गया । संक्रमण फैलने के कारण उसके पैर को काटने की नौबत आ गई। ग्राम चाकामार निवासी ग्रामीण अस्पताल में इलाज कराने के बजाए बैगा से झाड़फूंक कराता रहा, जिसके कारण यह नौबत आ गई।
करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत चाकामार निवासी फुल सिंह के दाहिने पैर में कुछ समय पहले सूजन हाे गया था। ग्रामीण समेत परिजन ने मामला जादू-टाेना का समझा। वे डाॅक्टर से इलाज कराने के बजाए बैगा के पास झाड़फूंक कराने पहुंच गए। बैगा उन्हें जादू-टाेना से जल्द राहत दिलाने का दावा करते हुए झाड़फूंक करता रहा। दूसरी ओर राहत के बजाए मर्ज बढ़ता गया। पैर में सूजन के साथ ही दर्द बढ़ने पर फूल सिंह अपने पुत्र फुलेश्वर सिंह के साथ मेडिकल काॅलेज अस्पताल पहुंचा, जहां जांच के दाैरान पैर में संक्रमण फैलना पाया गया।
डाॅक्टराें ने उसे कहा कि इलाज कराने अस्पताल आने में बहुत देर कर दी, अब पैर काटना ही पड़ेगा नहीं ताे संक्रमण शरीर में फैल जाएगा। मेडिकल काॅलेज अस्पताल के सहायक अधीक्षक डाॅ. रविकांत जाटवर के मुताबिक अंधविश्वास के चक्कर में इलाज कराने में देरी की वजह से ग्रामीण के पैर की हालत काफी गंभीर हाे गई है। लोग इस तरह के अंधविश्वास में ना पड़े, अस्वस्थ हाेने पर अस्पताल पहुंचकर उपचार कराएं।