कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
सबसे पहले बंगाल सरकार की ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने स्टेटस रिपोर्ट पेश की। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों के काम न करने से 23 लोगों की मौत हो गई है।
CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने भी अब तक की जांच की रिपोर्ट बेंच के सामने रखी है। बेंच इस रिपोर्ट को पढ़ रही है और सवाल किया।
कोर्ट रूम LIVE… CJI: आरजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के घर के बीच कितनी दूरी है?
SG: 15 से 20 मिनट
CJI: हम दो बातों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं कि अननैचुरल डेथ का केस कितने बजे रजिस्टर्ड हुआ।
SG: कृपया चार्ट देखें। आखिर वह हम सभी की बेटी है।
सिब्बल: डेथ सर्टिफिकेट दोपहर 1:47 बजे दिया गया। पुलिस स्टेशन में अननैचुरल डेथ की एंट्री दोपहर 2:55 बजे की गई।
CJI: क्या अननैचुरल डेथ नंबर 861 है?
सिब्बल: हां
CJI: घटनास्थल की जांच और सबूत कब जुटाए गए?
सिब्बल: रात 8:30 बजे से 10:45 बजे तक। यह शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने के बाद की बात है।
SG: लेकिन यह किसके द्वारा की गई? यह भी ध्यान रखने वाली बात है।
CJI: देखिए सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चलता है कि आरोपी किस समय सेमिनार रूम में गया और कब बाहर आया। उसके बाद 4:30 बजे के बाद की रिकॉर्डिंग भी फुटेज होगी, क्या वह फुटेज CBI को दी गई।
SG: हां, हमें सारी रिकॉर्डिंग मिली है। हमे सीन रिक्रिएट करना था।
CJI: क्या कोलकाता पुलिस ने सुबह 8:30 बजे से रात 10:45 बजे तक की पूरी फुटेज सौंप दी है?
सिब्बल: हां
CJI: लेकिन सीबीआई तो कह रही है कि केवल 27 मिनट की वीडियो शेयर की गई है।
सिब्बल: 8:30 से 10:45 तक जो सबूत जुटाए गए। उसके वीडियो के कुछ हिस्से दिए गए हैं। कुछ तकनीकी गड़बड़ आई थी। हार्ड डिस्क भरी हुई थी जो पूरी दी जा चुकी है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह 22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में CBI ने कोर्ट में कहा था कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है। इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा- कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। मैंने जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।
उधर, 3 सितंबर को केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार के अफसरों पर अवमानना का केस चलाने की याचिका लगाई थी। केंद्र का आरोप है कि बंगाल सरकार आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात CISF जवानों को परिवहन और आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है। हथियार रखने तक के जगह नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त को CISF के 92 जवान आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इनमें 54 महिलाएं भी हैं। केंद्र सरकार का आरोप है कि राज्य सरकार जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है।
CJI ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी 22 अगस्त की सुनवाई में CJI ने देशभर में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौट आने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा
CJI ने कहा कि हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करें।