इस बार खरमास (मलमास) का महीना 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो 15 जनवरी 2024 को समाप्त होगा. ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्य की गति धीमी हो जाती है, जिस कारण कोई भी शुभ काम सफल नहीं होते हैं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, खरमास को शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस माह के दौरान कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है. इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार, जैसे मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है.
क्यों बंद होते हैं शुभ कार्य
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गुरु देव बृहस्पति धनु राशि के स्वामी हैं. बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है. ऐसा होने पर लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर पड़ जाता है. इस राशि में सूर्य के कमजोर होने कारण इसे मलमास कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है. सूर्य के कमजोर स्थिति में होने की वजह से इस महीने शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है.
इन बातों का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं. इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक और शारीरिक सुख दोनों नहीं मिलते हैं. इस समय मकान का निर्माण या संपत्ति की खरीदारी वर्जित होती है. इस दौरान बनाए गए मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है. खरमास में नया कार्य या व्यापार शुरू न करें. इससे व्यापार में शुभ फलों के प्राप्त होने की संभावना बहुत कम हो जाती है. इस दौरान द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन जैसे कार्य भी वर्जित होते हैं क्योंकि इस अवधि के किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना होती है. इस महीने धार्मिक अनुष्ठान न करें. हर रोज किए जाने वाले अनुष्ठान कर सकते हैं.
खरमास में क्या करें ?
खरमास महीने में दान-पुण्य और जप-तप के कार्य बेहद शुभ माने जाते हैं.
खरमास का महीना तीर्थ यात्रा के लिए बेहद उत्तम माना गया है.
इस महीने में नियमित सूर्यदेव को जल-अर्घ्य दें और उनकी पूजा-अर्चना करें.
इस दौरान ब्राह्मण, गाय, गुरु और साधु-संतों की सेवा करना बेहद शुभ होता है.
खरमास में क्या नहीं करें?
इस महीने में गृह निर्माण का कार्य नहीं करवाना चाहिए.
इस दौरान नए व्यापार या कार्य की शुरुआत नहीं करना चाहिए.
खरमास में मुंडन, जनेऊ समेत सभी मागंलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है.
इस दौरान शादी-विवाह या सगाई से जुड़ा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए.