नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ आज ED ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। मामले पर कोर्ट ने कहा कि- केस की सुनवाई पूरी होने तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा। यानी कि हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक केजरीवाल जेल से बाहर नहीं निकल सकेंगें।
दरअसल ED ने दिल्ली हाईकोर्ट से मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था । ऐसे में अरविंद केजरीवाल आज क्या तिहाड़ से वापस बाहर आ सकते हैं, इस पर भी सवाल उठ रहा है।
दरअसल विशेष न्यायाधीश ने ED की उस अर्जी को भी कल अस्वीकार कर दिया था जिसमें जमानत आदेश को 48 घंटे के लिए स्थगित रखने का आग्रह किया गया था ताकि केंद्रीय एजेंसी इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सके। अब केजरीवाल के वकील थोड़ी देर में बॉन्ड करेंगे। वहां शाम चार बजे केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल उन्हें रिसीव करने तिहाड़ जाएंगी।
जानकारी हो कि, केजरीवाल को बीते गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से नियमित जमानत मिली थी।शराब घोटाले में उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले उन्हें चुनाव प्रचार को लेकर अंतरिम जमानत मिली थी।आम आदमी पार्टी (आप) ने इस बाबत कहा था कि दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का अदालत का फैसला सत्य की जीत है और यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुंह पर करारा तमाचा है।
वहीं जमानत मिलने की खबर के बाद मुख्यमंत्री आवास और पार्टी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया गया था और आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने पटाखे भी फोड़े थे । केजरीवाल करीब 60 दिन से तिहाड़ जेल में बंद थे। 10 मई को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा।
उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम जमानत एक जून को समाप्त होने के बाद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण भी कर दिया था। हालांकी सरेंडर के समय CM केजरीवाल ने कहा था, “मैं जेल इसलिए नहीं जा रहा हूं कि मैं भ्रष्टाचार में लिप्त था, बल्कि इसलिए जा रहा हूं कि मैंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई थी।”