spot_img

राजजमहल में कालबान बंदूक की हुई पूजा

Must Read

जगदलपुर। विजयदशमी पर्व के दौरान बस्तर में राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने हर साल की तरह इस साल भी राजमहल में कालबान बंदूक सहित अन्य अस्त्रों और अश्वों की पूजा की गई. सदियों पुरानी इस परंपरा को देखने के लिए इस बार भी बड़ी संख्या में लोग बस्तर के राज महल पहुंचे थे विजयदशमी पर राजमहल में शस्त्र पूजा की रस्म में एक खास कहानी जुड़ी हुई है, जिसके तहत मां दंतेश्वरी मंदिर में राजकुमारी मेघावती के कालबान बंदूक और माईजी के निशान (लाट) को ससम्मान मंदिर में स्थापित कर परंपरा अनुसार इस शस्त्र की पूजा की जाती है.

- Advertisement -

जानकार बताते हैं कि मेघावती पासकंड की राजकुमारी मेघावती ने 200 साल पूर्व कालबान बंदूक बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी को भेंट की थी, और तब से यह बंदूक मां दंतेश्वरी के मंदिर में रखा गया है. . शनिवार को विजयदशमी के दिन इसे मंदिर से बाहर निकाला गया और इसकी पूजा की गयी. यह भरमार बंदूक करीब 8 फीट लंबी और 20 किलो से ज्यादा वजनी हैं. कालबान के साथ ही देवी निशान (लाट) दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित करने वाले तुकाराम यादव बताते हैं कि देवी निशान (लाट) राजमहल परिसर में मंदिर निर्माण के मौके पर सन् 1894 में राज परिवार ने उनके पूर्वजों को सौंपा था.

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

मोदी बोले- शीतकालीन सत्र में माहौल शीत रहे:संसद में मुठ्ठीभर लोग हुडदंग करते हैं, सदन पर कब्जा करना चाहते हैं

acn18.com/  संसद के शीतकालीन सत्र का सोमवार को पहला दिन है। सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने...

More Articles Like This

- Advertisement -