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कांग्रेस के आपसी झगड़े में हुआ झीरम कांड- ननकीराम:पूर्व गृहमंत्री बोले- गुटबाजी के चलते नेता अलग-अलग रास्ते से गए और हमला हो गया

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acn18.com बिलासपुर/छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के सीनियर विधायक ननकीराम कंवर ने आरक्षण और झीरम कांड को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हल्ला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के पास बहुमत है और वो आदिवासी हितैषी है तो उन्हें आरक्षण के मुद्दे पर अध्यादेश लाना चाहिए। आदिवासी हित को लेकर कांग्रेसी बकवास कर रहे हैं, जो गरीबों को आवास नहीं दे पा रहे वे मुद्दे पर बात करने के लायक नहीं है।

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ननकीराम कंवर के मुताबिक जब मैं गृहमंत्री था तब झीरम कांड हुआ था, मेरा आरोप है कि उस समय कांग्रेस के आपसी झगड़े की वजह से नक्सली हमला हुआ था। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने को लेकर हवा दे दी है।

बिलासपुर में भाजपा की बैठक में आए कोरबा जिले के रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश के बहुचर्चित झीरम कांड को लेकर राजनीति के गलियारों में सियासी रंग घोल दया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की आपसी झगड़े की वजह से ही नक्सली हमला हुआ था। तब कांग्रेस के एक गुट के नेता अलग-अलग रास्ते से गए। दूसरे रास्ते में हमला हो गया और नेता मारे गए।

पूर्व गृहमंत्री का खुलासा- राजनाथ सिंह ने मेरे कहने पर रमन को बनाया CM
पूर्व गृहमंत्री कंवर ने आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को हवा देते हुए कि उस समय जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, तब राजनाथ सिंह ने मुझसे पूछा था कि किसे CM बनाया जाए, तब मैंने कहा कि मुझमें क्या कमी है।

ननकीराम कंवर ने कहा कि मुझे CM के लिए मना कर दिया। इसके बाद मैने डॉ. रमन का नाम लिया। मेरे कहने पर ही डॉ. रमन सिंह को CM बनाया गया था। कंवर ने कहा कि मैं आज भी बोलता हूं, आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए या न बनाएं। लेकिन, हमारे प्रयास से ही प्रदेश में सरकार बनेगी।

कंवर बोले- मेरी टिकट पक्की है
आगामी 2023 विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने के सवाल पर उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मैं ऐसा नहीं बोलूंगा कि मैं चुनाव लड़ूंगा। टिकट तो मुझे ही मिलना है।

वसूली को छोड़कर दूसरा काम नहीं हो रहा है
पूर्व गृहमंत्री कंवर ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। पटवारी से लेकर थानेदार आए दिन वसूली कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे वसूली के अलावा राज्य सरकार कोई दूसरा काम नहीं कर रही है। पटवारी हो या थानेदार हो सब साधारण आदमी से पैसे की वसूली कर रहे हैं। इसके अलावा DMF फंड की राशि में 15 से 17% तक कमीशन ले रहे हैं।

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