छत्तीसगढ़ के जांगजीर-चांपा में जन सहयोग से बने एक मंदिर को ढहाने पर हंगामा हो गया है। लोगों को पता चला तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। कहा कि उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। मंदिर का दोबारा निर्माण नहीं कराया गया तो आंदोलन करेंगे। इसमें हिंदू वादी संगठन भी शामिल हो गए हैं। वहीं मंदिर को ढहाने वाले ट्रस्ट का दावा है कि यह जमीन उनकी है। जबकि दानकर्ता का कहना है कि उन्होंने मंदिर के लिए ही जमीन दी थी। फिलहाल प्रशासन ने सभी पक्षों को बुलाकर शांति वार्ता कराई है।
जानकारी के मुताबिक, चांपा नगर के वार्ड-21 में एक वीरान जगह पर जन सहयोग से मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। इस मंदिर में शिवलिंग के साथ ही हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की गई है। सोमवार को तपसी बाबा ट्रस्ट के लोग पहुंचे और मंदिर को गिराने का प्रयास करने लगे। दावा किया कि मंदिर उनकी जमीन पर बनाया गया है। मंदिर तोड़े जाने की सूचना पर लोग भड़क गए। मौके पर ही हंगामा शुरू हो गया। पार्षद नागेंद्र गुप्ता पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया। फिर सब लौट गए।
SDM ने बुलाई बैठक, यथास्थिति के निर्देश
बताया जा रहा है कि करीब आधे घंटे बाद ट्रस्ट के लोग अचानक से फिर पहुंचे और मंदिर पर JCB चलवा दी। मंदिर तोड़े जाने की खबर जैसे ही इलाके में फैली लोग आक्रोशित हो गए। हिंदूवादी संगठनों ने भी आंदोलन की चेतावनी दे दी। मामला बढ़ता देख प्रशासन ने बीच में दखल दिया। इसके बाद बुधवार को दोनों पक्षों को SDM कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया गया। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद SDM डॉ अराध्या राहुल कुमार ने कहा कि रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जाएगी, तब तक यथास्थिति बनी रहेगी।
दानदाता बोलीं-लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ीं, मंदिर बनाया जाए
जिस जमीन पर तपसी बाबा ट्रस्ट अपना दावा कर रहा है, उसे चांपा के भक्तिन दाई परिवार ने दान की हुई बताया है। SDM के साथ हुई बैठक में मौजूद परिवार की सदस्य उर्मिला साहू का कहना है कि वार्ड नंबर-21 स्थित उस जमीन को उनके परिवार ने ट्रस्ट को मंदिर बनाने के लिए दान किया था। उन्होंने वहां मंदिर निर्माण कराने की मांग प्रशासन से की है। उनका कहना है कि लोगों की धार्मिक भावना उस जगह से जुड़ी हुई हैं।
असामाजिक तत्वों का लगता था जमावड़ा, तो लोगों ने बनाया मंदिर
स्थानीय लोगों का कहना है कि वह जगह हमेशा वीरान रहती थी। इसके चलते लोग वहां कचरा फेंकते और गंदगी करते। वहीं हर रोज असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता था। इसके चलते आसपास रहने वाले लोग परेशान रहते। इसे देखते हुए सबने सहमति से और मिलकर जगह की साफ-सफाई की और वहां शिवलिंग व बजरंग बली की मूर्ति स्थापित कर दी। इसके बाद से रोज वहां भजन-कीर्तन शुरू हो गया। साथ ही मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा था। जिसे ट्रस्ट के लोगों ने तोड़ दिया।
हिन्दूवादी संगठनों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
इस पूरे मामले को लेकर बजरंग दल और शिवसेना जिला प्रमुख व उनके कार्यकर्ता बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़े जाने से धार्मिक भावना आहत हुई। इस मामले में मंदिर तोड़ने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही वहां फिर से मंदिर का निर्माण कर प्रतिमा को ससम्मान स्थापित किया जाए। अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।