ACN18.COM कोरबा/ जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ मंगलवार को सहस्त्रधारा में स्नान करने के बाद बीमार पड़ गए हैं। ज्यादा नहाने से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्राजी बीमार हो गए हैं, जिससे सदियों से चली आ रही परंपरा के कारण भगवान 14 दिन तक एकांतवास में रहेंगे। इस दौरान ग्राम दादरखुर्द स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान को पारंपरिक काढ़ा, खिचड़ी और मीठे का भोग लगाया जा रहा है।
एकांतवास के दिनों में भगवान का इलाज चलता रहेगा। उन्हें तरह-तरह के काढ़े व औषधि दी जाएगी। भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जाएंगे। भगवान 30 जून तक स्वस्थ होंगे। उसके बाद उनकी पूजा शुरू होगी और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खुलेंगे। 1 जुलाई को रथ पर बिठाकर नगर भ्रमण कराया जाएगा। इस दिन मंदिर में दूर दूर से लोग रथ को खींचने पहुंचेंगे।
एकांतवास के दौरान भगवान को दी जाती हैं ये दवाएं
मंगलवार से एकांतवास में चले गए भगवान जगन्नाथ को दालचीनी, जावित्री, काली मिर्च, लौंग, इलायची को उबालकर काढ़ा और खिचड़ी अर्पित की जाएगी। जगन्नाथ मंदिर के पुजारी रामेश्वर द्विवेदी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ को मीठा पसंद है। इस वजह से बीमारी के दौरान अदरक का रस और काली मिर्च मिलाकर तैयार किए पेड़े का भोग लगाया जाता है।