Acn18.com/एनटीपीसी कोरबा द्वारा जारी आम सूचना अनुसार नौकरी तथा अधिग्रहण के समय, बचे जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर दिनांक 22 अप्रैल 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ग्राम चारपारा के 03 भूविस्थापित विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, राकेश कुमार केवट अपने परिवार के सदस्यों के साथ, पहले भीषण गर्मी में, फिर बरसात में अब ठंड में लगातार तानसेन चौक कोरबा में बैठे हुए 190 दिन हो रहें है एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन मांग के प्रति गुमराह कर रहे हैं प्रशासन द्वारा बचे व अधिग्रहीत जमीन तथा नौकरी संबंधी जांच के संबंध में रिपोर्ट मांगा है जिसे अभी तक जानकारी नहीं दी गई है । चर्चा बैठक हुई उसमें निष्कर्ष नहीं निकला है। इससे पूर्व एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा जमीन अधिग्रहण के समय किये गये वादा अनुसार 04.09. 1979 में आम सूचना व 22.1.1981 में नौकरी देने संबंधी सहमति होने के बावजूद तथा दिनांक 17/08/1981 व 12/02/1987 को नौकरी संबंधित सूचना जारी करने के बावजूद उसके अनुसार अभी तक नहीं नौकरी दी है और न ही सन् 2010 में प्लांट का विस्तार होने के बाद भी सूचना जारी नहीं की गई न ही किसी को नौकरी प्रदान की गई। अब तक 300 परिवार में से मात्र 38 भूविस्थापितों को नौकरी दिये गये है लगभग 262 परिवार आज भी नौकरी से वंचित है ।
आम सूचना अनुसार निर्माण कार्य जैसे जैसे बढ़ता जावेगा, रोजगार के अवसर भी जावेगे एवं तद्नुसार क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जावेगा । एनटीपीसी कोरबा प्लांट की शुरुवात में लगभग 2500 से अधिक कर्मचारी थे और आज लगभग 650 कर्मचारी है। इनके क्षमता अनुसार आज भी कर्मचारी संख्या कम है जिसे ठेकेदारी के माध्यम से काम कराया जा रहा है और एनटीपीसी कोरबा भूविस्थापित आज भी अपने अधिकारों से वंचित है सन् 2000 में आखरी 5 भूविस्थापितो को नौकरी दिया गया है इसके बाद से नौकरी देने के नाम से गुमराह करते आ रहे हैं इसके विपरीत उल्टा रिक्तिया नहीं है कहकर गुमराह किया जाता है जबकि सन् 2016 से एनटीपीसी सीपत बिलासपुर के 33 भूविस्थापितों को ट्रेनिंग के नाम से एनटीपीसी कोरबा में नियमित नौकरी कर रहे है मांग है कि उन्हें वापस सीपत के प्लांट में भेजने की मांग की गई है तथा उनके जगह एनटीपीसी कोरबा के भूविस्थापितों को नौकरी दिया जाये। इस समय नौकरी तथा बचे जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर शांति पूर्वक चुनाव आचार संहिता का पालन करते हुए बैठे हुए हैं, जब तक मांग पूरी नहीं होती है तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।