acn18.com कोरबा/ कोयला खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों का सत्यापन करने को लेकर वन विभाग एक बार फिर सक्रिय हो गया है। 3 दिन पहले दीपका में विभाग ट्रांसपोर्टिंग के दौरान ऐसे वाहनों को रोककर जांच की थी। अबकी बार कोरबा के रजगामार और मानिकपुर क्षेत्र में यह कारवाही की गई। इस दौरान काफी समय तक वाहनों का परिचालन थमा रहा।
भूगर्भ से किसी भी तरह के खनिज का दोहन करने के लिए आखिरकार भारत सरकार का वन पर्यावरण मंत्रालय सभी प्रकार की प्रक्रियाओं के बाद क्लीयरेंस जारी करता है। इसी आधार पर खदाने शुरू होती है और अन्य संबंधित कार्य सम्भव हो पाते है। क्लियरेंस के बावजूद वन विभाग की ड्यूटी खत्म नही हो जाती। वह अपने अधिकार के तहत खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच कर सकता है। कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से कोयला ट्रांसपोर्ट करने वाले वाहनों के ट्रांजिट परमिट की जांच इन दिनों वन विभाग कर रहा है।
दीपका के बाद राजगामार और मानिकपुर क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने काफी देर तक सत्यापन की कार्रवाई की। इस दौरान काफी देर तक खदान के मार्ग पर भारी वाहनो के पहिये थमे रहे। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि न्यूनतम शुल्क पर ट्रांसपोर्ट करने के लिए संबंधित पार्टियों को हमारे विभाग से ट्रांजिट परमिट लेना जरूरी होता है। सरकार के द्वारा कई तरह के पैरामीटर तय किए गए हैं और इसके अनुरूप ही कारोबारी अपना काम कर सकते हैं।
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