Acn18.com/दूसरों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ताओं को ही अगर न्याय पाने के लिए धरने पर बैठना पड़े तो इससे बड़ी विडंबना नहीं हो सकती। जिला न्यायालय परिसर में टेबल कुर्सी लगाकर नोटरी का काम करने वाले एक अधिवक्त की टेबल कुर्सी को संघ ने जप्त कर लिया है। अधिवक्त उपेंद्र वर्मा ने स्टेट बार काउंसिल में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है बावजूद इसके उसके शिकायत पर किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया है यही वजह है,कि मजबूर हो उसके द्वारा विरोध स्वरुप जमीन पर बैठकर काम किया जा रहा है।
जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में जमीन पर बैठकर अपने कार्य को अंजाम रहे इस व्यक्ति का नाम उपेंद्र वर्मा है। पेशे से वकील उपेंद्र पिछले चार सालों से नोटरी का काम कर रहे है। कोर्ट परिसर में ही उसके द्वारा टेबल कुर्सी लगाकर अब तक काम किया जाता रहा है,जो जिला अधिवक्ता संघ को रास नहीं आया यही वजह है,कि संघ ने उसकी टेबल कुर्सी जप्त कर लिया है। उपेंद्र वर्मा का कहना है,कि संघ ने कोर्ट परिसर में काम करने से मना किया था। दो माह पूर्व ही उसके साथ ही अन्य अधिवक्ताओं को नोटिस दिया था,कि वे परिसर में काम न करें। नोटिस को मानने से इंकार करने पर उनके टेबल कुर्सी की जप्ती बना ली गई। संघ के इस कार्रवाई से उपेंद्र काफी आहत है यही वजह है,कि विरोध स्वरुप उसके द्वारा जमीन पर बैठकर ही काम किया जा रहा है। पिछले 22 सालों से लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे उपेंद्र ने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था,कि उसे यह दिन भी देखना पड़ेगा।
अधिवक्ताओं का पेशा ही दूसरों को न्याय दिलाना होता है। मगर जिस तरह से एक अधिवक्ता को ही न्याय पाने के लिए जिस तरह से जमीन पर बैठकर काम करना पड़ रहा है वह काफी दुर्भाग्यजनक है। अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ उपेंद्र वर्मा ने स्टेट बार काउंसिल में अर्जी दी है जिस पर अब तक फैसला नहीं आया है। उपेंद्र ने कहा है,कि जब तक उसे न्याय नहीं मिलता वह जमीन पर ही बैठकर काम करेगा।