ACN18.COM रायगढ़। जिले से बहुत अच्छी खबर आ रही है यहाँ सरकार ने सभी स्कूलों में मिड डे मिल योजना शुरू की है, जिसके तहत सभी प्राइमरी स्कूल के बच्चों को स्कूल में ही दोपहर में भोजन दिया जाता है. इसके लिए सरकार की तरफ से मेन्यू भी जारी किया है। किस दिन बच्चों को क्या-क्या खाने में जाएंगे. लेकिन सरकार की इस योजना पर लापरवाही के आरोप लगते रहते हैं, किसी किसी स्कूल में मेन्यू के हिसाब से भोजन बच्चों को नहीं दिया जाता, लेकिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पोषण से युक्त भोजन दिया जाता है.
बता दें कि रायगढ़ शहर से सटे कोरियादादर प्राथमिक शाला में पढ़ाई के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती भी की जाती है. यहां के शिक्षक न सिर्फ बच्चों को पढ़ाते-लिखाते हैं, बल्कि स्कूल परिसर में ही सब्जियां उगाकर मिड डे मील में छात्र-छात्राओं को ताजा और बिना खाद के शुद्ध सब्जियां उपलब्ध करा रहे हैं. इससे बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां खाने में मिल रही हैं.
स्कूल परिसर में सब्जियों की ऑर्गेनिक खेती
रायगढ़ जिले का कोरियादादार शासकीय प्राथमिक शाला दूसरे विद्यालयों के लिए मिसाल बनकर उभरा है. यहां के हेड मास्टर सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि करीब 12 वर्ष से स्कूल परिसर में सब्जियों की ऑर्गेनिक खेती की जा रही है. शुरुआत में जब उन्होंने देखा कि मध्याह्न भोजन में बच्चों को बाजार से खरीदी हुई बासी और केमिकल युक्त सब्जियां देनी पड़ रही हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
तब स्कूल के टीचर्स और स्टाफ ने यहीं ऑर्गेनिक खेती करने की सोचा. इसके बाद पढ़ाई के बाद मिले अलग समय में यहां सब्जियां उगाई जाने लगीं. मध्याह्न भोजन में खुद से उगाई हुई ताजी ताजी सब्जियां ही बनाई जाती हैं. इससे बच्चों को सेहतमंद रहने में भी मदद मिल रही है, साथ ही ताजी सब्जियों का स्वाद भी बाजार में मिलने वाली केमिकल युक्त सब्जियों के मुकाबले बहुत ही अच्छा है. स्कूल परिसर में उगाई सब्जियां जब बनाई जाती हैं, तो उसकी खुशबू और स्वाद के कारण बच्चे तुरंत खाना खत्म कर लेते हैं और भरपेट भोजन करते हैं.
कोरियादादर गांव रायगढ़ शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां के प्राथमिक शाला में पहली से लेकर 5वीं तक के 100 बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में 2 महिला टीचर और एक हेड मास्टर हैं.