भरत सिंह चौहान . जांजगीर जिले के ग्राम पंचायत सिवनी में राखड़ पाटे जाने को लेकर उपजे विवाद का पटाक्षेप करते हुए सरपंच ने कहा,कि पंचायत की बैठक लेकर सर्वसम्मिती से तालाब किनारे मौजूद गड्ढे को पाटने के लिए यह कार्य किया गया था। राखड़ पाटने के लिए बाकायदा एसडीएम से स्वीकृति ली गई थी। पंचायत के पंचो ने भी सरपंच के कथन का समर्थन किया।
जांजगीर जिले के ग्राम पंचायत सिवनी में राखड़ पाटे जाने को लेकर जिस तरह से विवाद की स्थिती निर्मित हुई है उस पर सरपंच ने अपना पक्ष रखा है। ग्रामीण और पंचो के सामने सरपंच ने कहा,कि सरकारी जमीन पर तालाब किनारे बने गड्ढे को पाटने के लिए उनके द्वारा ग्राम पंचायत में प्रस्ताव तैयार किया गया था। ग्राम सभा व ग्राम विकास समिती द्वारा सहमति मिलने के बाद आम जनहित में उनके द्वारा यह काम किया गया था। जिसके लिए एसडीएम से अनुमति भी ली गई थी। वहीं जिस तरह से पिछले दिन राखड़युक्त दलदल में फंसकर जिस तरह से एक गाय की मौत हुई थी वह जमीन निजी भूमि है लिहाजा इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। गांव के पंचो के साथ ही अन्य ग्रामीणों ने भी सरपंच के इस तर्क का समर्थन किया है।
सिवनी के सरकारी जमीन पर राखड़ पाटे जाने को लेकर जमकर बवाल हुआ था। ग्रामीणों ने सरपंच पर आरोप मढ़ दिया था। हालांकि जिस तरह से उन्होंने अपना पक्ष रखा है उससे साफ हो गया है,कि सभी के सहमति से यह काम किया था जिसके बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है।