acn18.com कोरबा /बड़े कार्यक्रम में लोगों द्वारा छोड़ा गया और अन्य स्थान पर लोगों की ओर से प्लास्टिक में फेंका गया भोजन मवेशियों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। इस भोजन का उपयोग करने से फ़ूड पॉइजनिंग के कारण मवेशियों की मौत हो रही है। हाल में ही 5 मवेशियों की मौत के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने संज्ञान लिया। ग्रैंड न्यूज़ में खबर के प्रसारण के बाद टीम ने गौठान का जायजा लिया। लोगों को सलाह दी गई की वह ऐसा कुछ नहीं करें जिससे कि मूक पशुओं की जान चली जाए।
कोरबा जिले में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन की संख्या उन हालातो में भी काम नहीं हुई है जबकि आधुनिकीकरण की बयार कुछ ज्यादा चली है। अभी भी अलग-अलग कार्यों के लिए मवेशियों का उपयोग लोग कर रहे हैं। सरकारी फंड से गौशालाएं चल रही हैं और सबसे बड़ी बात यह भी है कि अलग-अलग क्षेत्र में हादसे में जख्मी होने वाले मवेशियों का उपचार सामाजिक संगठन कर रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा भी इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मतलब के लिए मवेशी पालन करने वाले कई लोग एक समय के बाद मवेशियों को सड़क पर छोड़ देते हैं और ऐसे में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे ही मवेशियों का संरक्षण करने के लिए पिछली सरकार ने गौठन का संचालन शुरू किया। खरमोरा गोकुल नगर स्थित गौठान में पिछले दिनों पांच मवेशियों की मौत हो गई जिनके पीछे कई प्रकार के कारण सामने आए। चारा पानी की कमि और कमजोरी को भी कारण बताया गया। ग्रैंड न्यूज़ के द्वारा इस मामले को प्रमुखता से प्रसारित करते हुए अधिकारियों के संज्ञान में बात लाई गई । इसका असर यह हुआ कि पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने मौके का निरीक्षण किया। वहां की स्थिति देखी। बताया गया कि मुख्य रूप से वहां पर 40 मवेशियों अभी हैं और सभी अच्छी स्थिति में है। जिन मवेशियों की मौत हुई उनके बारे में कहा जा सकता है कि हादसे में उन्हें आंतरिक चोट आई थी और यह धीरे धीरे प्रभावी हो गई। पशु चिकित्सा विभाग का दावा है कि गोकुल नगर गोटन में चिकित्सा टीम की उपस्थिति समय-समय पर होती है और मवेशियों का हाल-चाल जानने के साथ उचित चिकित्सा की जाती है।
बातचीत के क्रम में डॉक्टर ने इस बात को भी प्रमुखता से कहा कि अनेक स्थान पर होने वाली पार्टियों में बचा हुआ भोजन यहां वहां छोड़ देना और मवेशियों द्वारा उसका उपयोग करना भी मौत का बड़ा कारण बन जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक सहित फेक जाने वाले भोजन से भी कई खतरे सामने आते हैं। इन दोनों कारणों से मवेशिया संक्रमण का शिकार होते है। इसलिए लोगों को इस तरह की कोशिश से बचना चाहिए।
सामान्य तौर पर बड़े स्तर पर होने वाले आयोजन में कई कारण से काफी मात्रा में भोजन बच जाता है ।।इसका आखिर क्या करे। यह बात मस्तिष्क में आने पर लोग बहुत ज्यादा विचार नहीं करते और वह मौके से भोजन को एकत्रित कर यहां वहां फेंक देते हैं । आसपास में विचरण करने वाले मवेशी अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए ऐसे भोजन का उपयोग कर लेते हैं जो काफी समय से यहां प्रतिकूल स्थिति में पड़ा होता है । ऐसे में उत्पन्न होने वाली स्थिति से मवेशियों के जीवन पर खतरा गंभीर हो जाता है। इसलिए अगर पार्टियों के आयोजकों को लगता है कि वह बचा हुआ भोजन फेंकर पुण्य अर्जित कर रहे है तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है।