प्रतिबंध के बावजूद कोरबा में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जारी है। रेत माफिया बिना किसी डर के अवैध काम में लगे हुए है। ऐसा ही एक ट्रेक्टर एसईसीएल हेलीपेड के पास नजर आया जिसपर रेत भरा हुआ था। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली,कि पहले से ही रेत का भंडारण कर रखा गया था और उसका परिवहन हो रहा था। राॅयल्टी नहीं होने पर उसे मानिकपुर चैकी में खड़ा कर दिया गया और फिर छोड़ दिया गया। प्रतिबंध के बाद भी किस आधार पर पुलिस ने ट्रेक्टर को छोड़ा यह बात किसी को पच नहीं रही।
बरसात को ध्यान में रखते हुए एनजीटी की तरफ से जुलाई से लेकर सितंबर माह तक रेत के उत्खनन और परिवहन पर रोक लगा हुआ है। बावजूद इसके रेत माफिया अपने स्वार्थों की सिद्धी के लिए अवैध तरीके से रेत के परिवहन में लगे हुए है। ऐसा ही एक ट्रेक्टर एसईसीएल हेलीपेड के पास नजर आया जिसमें रेत लोड था। पूछताछ के दौरान पता चला,कि ट्रेक्टर किसी राजा गुप्ता नामक व्यक्ति का है जिसका चालक बरबसपुर में पहले से भंडारित रेत का परिवहन कर रहा है। राॅयल्टी की बात पूछे जाने पर उसने कहा,कि पूर्व से भंडारित रेत के दस्तोवेज नहीं होते। काफी बातचीत के बाद ट्रेक्टर का मालिक भी मौके पर पहुंच गया और नियमों के तहत परिवहन होने की दलील पेश करता रहा। पुलिस को जब यह बात पता,चली तब उसने ट्रेक्टर को मानिकपुर चैकी के बाहर खड़ा करवा दिया हालांकि बाद में उसे छोड़ भी दिया गया।
प्रतिबंधित अवधी में पुलिस द्वारा रेत से भरे ट्रेक्टर को पकड़क उसे छोड़ने की बात किसी को पच नहीं रही है। आखिर ऐसी क्या वजह रही,कि ट्रेक्टर को बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया। इस तरह के मामलों से निश्चित ही अवैध कारोबार में लिप्त लोगों और पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है।