Acn18.com/आज हम आपको दिखाएंगे एक चौंकाने वाला खुलासा, जो हुआ है एसईसीएल दीपका क्षेत्र की खदानों मे जहां विभागीय वाहनों से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।ग्रैंड न्यूज़ की टीम ने जब दीपका खदान क्षेत्र के चार पहिया वाहनों के चालकों से बातचीत की, तो सामने आए कई हैरान कर देने वाले तथ्य। चालकों ने बताया कि विभाग द्वारा उन्हें ₹20,000 मासिक तनख्वाह दिए जाने की बात कही जाती है, लेकिन असल में उन्हें केवल ₹8,000 से ₹10,000 ही नकद में दिया जा रहा है।इतना ही नहीं, चालकों की तनख्वाह ऑनलाइन दिखाई जा रही है, लेकिन उन्हें नकद भुगतान किया जा रहा है। सवाल ये उठता है – बैंक स्टेटमेंट में दिखाए गए चालक कौन हैं? क्या यह कोई फर्जीवाड़ा है?
जांच में यह भी सामने आया है कि जहां 12 घंटे की शिफ्ट में दो चालकों की जरूरत होती है, वहां सिर्फ एक चालक से काम लिया जा रहा है। और 24 घंटे के लिए लगे वाहनों में भी तीन चालक देने की जगह, एक या दो चालकों से ही काम कराया जा रहा है।चालकों के अनुसार, न सिर्फ नियमों की अनदेखी की जा रही है, बल्कि वाहनों की रीडिंग में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी हो रही है। बताया गया है कि रीडिंग को दोगुना करके दिखाया जाता है ताकि बिल भी दोगुना बने—और इस तरह से हर महीने करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है।गौरतलब है कि दीपका एरिया में लगभग 80 वाहनों का ठेका दिया गया है। अब सोचिए, अगर हर वाहन से लाखों का घोटाला हो रहा है, तो यह आंकड़ा कहां जाकर रुकेगा?जब इस मुद्दे पर हमने secl के अधिकारियों से बात करनी चाही, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। जांच की बात कही गई, लेकिन क्या वाकई होगी जांच?
एसईसीएल दीपका क्षेत्र की खदानों में ठेका पद्धति पर चल रहे चार पहिया वाहनों से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें चालकों को नियमानुसार वेतन न दिए जाने और पीएफ में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।सूत्रों की मानें तो खदान में अधिकारियों की सुविधा के लिए चलाए जा रहे चार पहिया वाहनों के चालकों को तय वेतन 20हजार रुपये प्रति माह के मानक के बावजूद पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है। बल्कि चालकों के नाम पर भुगतान की राशि किसी दूसरे व्यक्ति के बैंक खाते में डालकर विभाग को दस्तावेज दिए जा रहे हैं।