11 लाख राखियां बॉर्डर पर तैनात जवानों को भेजी गईं:CG के सभी जिलों की बहनों ने बनाई हैं, गांव की मिट्‌टी से होगा तिलक

पूर्व सैनिकों के संगठन सिपाही के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया कि सीमा पर तैनात जवानों की वजह से ही हम अपने घरों में सुकून से और सुरक्षित हैं। उन्हें हम सिर्फ सम्मान और प्यार दे सकते हैं। यही वजह है कि पूरे छत्तीसगढ़ से राखी समेट कर प्रदेश की बहनों का प्यार उन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस अभियान के तहत राज्य के हर जिलों से राखियां तैयार कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पूर्व सैनिक, पूर्व सैनिकों के संगठन, सामाजिक संस्थाओं और स्कूलों को भी अभियान से जोड़ा जा रहा है।

महिला संगठन और स्कूल टीचर्स ने जवानों के लिए बनाई हैं राखियां।
महिला संगठन और स्कूल टीचर्स ने जवानों के लिए बनाई हैं राखियां।

महिला संगठन के लोग भी अभियान से जुड़े
पूर्व सैनिक संगठन के इस अभियान से शहर की महिला संगठन की पदाधिकारी और कार्यकर्ताएं भी जुड़ने लगी हैं, जो अपनी हाथों से राखी बनाकर जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के ऑफिस तक पहुंच रही हैं। वहीं, स्कूलों में भी संगठन के पदाधिकारी पहुंच रहे हैं और छात्राओं को इस अभियान से जोड़कर राखियां कलेक्ट कर रहे हैं। सोमवार को वीरांगना शक्ति संगठन की महिलाएं और स्कूली बच्चे सैनिक बोर्ड कार्यालय पहुंची और पदाधिकारियों को राखियां भेंट की।

सभी जिलों में चल रहा अभियान
संगठन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह अभियान बिलासपुर के साथ ही जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ सहित संभाग के हर जिलों में चल रहा है, जहां से संगठन के पदाधिकारी राखियां एकत्रित कर रहे हैं। इस अभियान में मुख्य तौर पर डॉ. विनोद तिवारी, प्रदीप देशपांडे, महेंद्र जैन, राजेश सिंह, सौरभ दुबे, बीपी सिंह, भृगु अवस्थी, अमित सिंह, राजेंद्र सिंह समेत कई लोग सहयोग में जुटे हुए हैं।

महिला संगठन की पदाधिकारियों ने पूर्व सैनिक संगठन के माध्यम से जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के कर्नल को भेंट की राखियां।
महिला संगठन की पदाधिकारियों ने पूर्व सैनिक संगठन के माध्यम से जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के कर्नल को भेंट की राखियां।

राखियां लेकर उधमपुर तक जाएगा प्रतिनिधि मंडल

पदाधिकारियों ने बताया कि राखियां लेकर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए रूट चार्ट तैयार कर लिया गया है। बिलासपुर से राखियां लेकर वाहन आज रवाना होगा। इसके बाद रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया होते नागपुर पहुंचेगा। इसके बाद यह दल भोपाल, इंदौर, उज्जैन होते हुए दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचेंगे। यहां अलग-अलग सीमाओं के लिए राखियां देकर प्रतिनिधि मंडल उत्तरीय कमांड क्षेत्र यानी जम्मू-कश्मीर होते हुए उधमपुर पहुंचेगा और यहां इस यात्रा का समापन होगा।