spot_img

हाईकोर्ट ने करदाता के खिलाफ एकपक्षीय मूल्यांकन को ठहराया सही

Must Read

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 144 के तहत किसी करदाता के खिलाफ एकपक्षीय मूल्यांकन को सही ठहराया है। यह फैसला उस करदाता के खिलाफ लिया गया जिसने न तो मूल्यांकन कार्यवाही में भाग लिया और न ही अपने बैंक खाते में जमा 11 लाख 44 हजार 070 की नकद राशि के स्रोत की संतोषजनक व्याख्या की।

- Advertisement -

जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की पीठ ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 68 और 69ए के अनुसार यदि कोई करदाता अस्पष्टीकृत नकदी जमा के लिए संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देता है तो उस राशि को कर योग्य आय के रूप में माना जा सकता है। मामले में करदाता को कई बार नोटिस भेजे गए, परंतु उसने किसी नोटिस का जवाब नहीं दिया और न ही अधिकारियों के सामने पेश हुआ, जिसके कारण यह एकपक्षीय मूल्यांकन हुआ।

मूल्यांकन अधिकारी, आयकर आयुक्त (अपील), और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने करदाता के खिलाफ फैसला सुनाया, क्योंकि वह अपने दावे को ठोस दस्तावेजी साक्ष्यों से प्रमाणित करने में असमर्थ रहा। करदाता ने आईटीएटी के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी लेकिन न्यायालय ने आईटीएटी के फैसले की पुष्टि की। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नकद जमा की स्पष्ट व्याख्या करने में करदाता की विफलता के कारण इसे आय के रूप में माना जा सकता है।

 

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

CBI कोर्ट ने 3 आरोपी को 138 एनआई एक्ट में बाइज्ज़त बरी किया! जानें क्या है पूरा मामला

acn18.com/ रायपुर। मामला रायपुर क्षेत्र का है परिवादी शुभम अग्रवाल ने वर्ष 2016-17 में 04 लोगो को कृष्णकांत, आशीष,...

More Articles Like This

- Advertisement -