acn18.com कोरबा / छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ काफी समय से लटके पड़े मामलों में न केवल सुनवाई हो रही है बल्कि तेजी से परिणाम भी आ रहे हैं। कोरबा के एमपी नगर क्षेत्र में पहाड़ी कोरबा समुदाय के व्यक्ति की जमीन को हड़पने का मामला इसमें शामिल है। जिला स्तरीय प्रमाण पत्र छानबीन समिति ने फर्जी आदिवासी महिला का प्रमाण पत्र खारिज कर दिया है और वास्तविक व्यक्ति को जमीन की अधिकारिकता दिलाने का रास्ता साफ कर दिया है।
कोरबा तहसील के अंतर्गत आने वाले महाराणा प्रताप नगर वार्ड में फिरत राम पहाड़ी कोरबा की तीन एकड़ से ज्यादा जमीन मौजूद है जिसमें से 81 डिसमिल जमीन का उपयोग सरकारी योजना में पिछले वर्षों में कर लिया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चर्चा करते हुए पीड़ित फिरत राम ने बताया कि उसकी जमीन पर रंजन गोद नामक महिला ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और इसे अपना बताने का प्रयास कर रही थी। कांग्रेस सरकार के रहते हुए इस मामले को लेकर कई बार अधिकारियों से संपर्क किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब उसकी जमीन का सीमांकन करने का रास्ता साफ हुआ है।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता कमलेश साहू ने बताया कि सीरत राम की जमीन एमपी नगर में मौजूद है जिसमें से वर्तमान में 2 एकड़ 37 डिसमिल की बची हुई है। रंजन गॉड के द्वारा कथित रूप से इस जमीन पर अधिकार जताया जा रहा था और खुद का फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर लिया गया था जिला स्तरीय छानबीन समिति की कार्यवाही के बाद प्रशासन ने उसके प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया है। नई सरकार आने के बाद इस मामले में काफी तेजी से कम हुआ और परिणाम सामने आए ।
जिस तरह से सरकारी तंत्र काफी समय से लंबे मामलों में लगातार कार्रवाई कर रहा है इससे जनता का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ रहा है और उसकी उम्मीदें काफी बढ़ी हुई है कि आगे भी इसी प्रकार से सरकार की ओर से काम किए जाएंगे