काेरबा। छत्तीसगढ़ का पहला लोक पर्व हरेली तिहार साेमवार 17 जुलाई 2023 को छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति द्वारा धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर के दर्री राेड स्थित छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर परिसर में उक्त दिनांक काे दाेपहर 12 बजे आयाेजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन जयसिंह अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी एवं एमआईसी सदस्य व पार्षद संतोष राठौर शामिल होंगे। उक्त जानकारी शनिवार काे प्रेसवार्ता के दौरान छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान ने दी। उन्हाेंने बताया कि हरेली पर्व कार्यक्रम के दौरान गेड़ी दौड़, नारियल फेक, फुगड़ी की प्रतियोगिता, कृषि उपकरण एवं छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना करके अरसा, बरा, खुर्मी व ठेठरी प्रसाद चढ़ाया और खाया जाएगा। श्री पुराणिक साहू द्वारा छत्तीसगढ़ संस्कृति लोक कला “लहर गंगा” की मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी। कार्यक्रम में लगभग 8 हजार से अधिक लाेग शामिल हाेंगे। कार्यक्रम के दाैरान महाभंडारा का आयाेजन कर सभी काे प्रसाद वितरण किया जाएगा। समिति ने उक्त अवसर पर जिले के सभी वासियाें काे झारा-झारा नेवता दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान समिति के
प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान, प्रदेश महासचिव प्यारेलाल चौधरी, वरिष्ठ संरक्षक इंजीनियर हरिश्चंद्र निषाद, संरक्षक भोजराम रजवाड़े, यू आर महिलांगे, दिनेश कुमार केवट ,पवन जांगड़े, लता केवट ,कुसुम द्विवेदी, अमृता निषाद ,गीता महंत, केआर केवट ,रजनीश निषाद, घनश्याम श्रीवास, संतोष शुक्ला, आर के पांडे समेत सभी सदस्य उपस्थित रहे।
लांच की जाएगी छत्तीसगढ़ महतारी की आरती
छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के घनश्याम श्रीवास ने बताया कि 19 वर्ष पहले राज्य में छत्तीसगढ़ महतारी का छायाचित्र नहीं था। समिति द्वारा ही पूर्व में छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र काे तैयार किया गया जिसका आज पूरे राज्य में छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में पूजा किया जा रहा है। इसी क्रम में अब समिति ने पहली बार छत्तीसगढ़ महतारी की आरती तैयारी की है। जिसे 17 जुलाई काे हरेली तिहार के अवसर पर लांच किया जाएगा। उन्हाेंने बताया कि राजगीत और छत्तीसगढ़ महतारी की आरती अलग-अलग है।
19 वर्ष से छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संवर्धन, समिति का पूछार नहीं
छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रधान समेत वरिष्ठ संरक्षक हरिशचंद निषाद, संरक्षक भाेजराम राजवाड़े ने संयुक्त रूप से कहा कि उनकी समिति प्रदेश में 19 साल से छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संवर्धन के साथ ही धराेहर काे पहचान दिलाने प्रयासरत है। वर्तमान सरकार उसे काॅपी करके छत्तीसगढ़ की संस्कृति काे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा समिति का पूछार नहीं किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ संस्कृति संवर्धन विभाग में समिति के किसी भी पदाधिकारी-सदस्य काे शामिल नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ में जब तक संस्कृति संवर्धन अूधरा है जबतक छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति के सदस्य शामिल नहीं हाेंगे।