कोरबा।कहते है न अगर जब मौत नही आयी है तो आप मरने की कितनी भी कोशिश कर लो मरने वाले नही है। ऐसा ही हुआ 60 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ जिसने पहले जहां सेवन किया उसके बाद फांसी के फंदे पर लटका फंदा टूट जाने के बाद वह घंटों तड़पता रहा लेकिन उसकी मौत नहीं हुई 13 दिन बाद उसने इलाज के दौरान दम तोड़ा।पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच कार्यवाही शुरू कर दी है।
बालको थाना अंतर्गत केराकछार निवासी 60 वर्षीय पीतल गोटिया यादव नामक बुजुर्ग ने 25 तारीख कि दोपहर घर से किसी काम के बहाने निकला और वह गांव के पास ही जंगल में पहले जहर सेवन किया उसके बाद उसने एक पेड़ पर फांसी लटक कर जान देने की कोशिश की लेकिन फांसी का फंदा टूट जाने के चलते वह जंगल में है घंटों तड़पता रहा। मृतक के परिजन जब काफी समय बीत जाने के बाद भी वह घर वापस नहीं लौटा तो उसकी तलाश करने जंगल की ओर गए और देखा कि पेड़ के नीचे 60 वर्षीय पीतर गोटिया तड़प रहा था। तत्काल परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसका उपचार पिछले 13 दिनों से चल रहा था उसका इलाज के दौरान मौत हो गई।
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी जे जे एस जनार्दन ने बताया कि जिला अस्पताल से मिले मेमो के आधार पर जांच कार्यवाही शुरू की गई जहां परिजनों का बयान दर्ज किया गया है मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता जब काफी समय बीत जाने के बाद भी वापस नहीं लौटे तो वह उसकी तलाश में जंगल की ओर जाए घर से कुछ दूरी पर जंगल में उसकी लाश पेड़ से नीचे मिली शीशी कर खाली बोतल पड़े हुए थे उसके पिता जमीन पर तड़प रहे थे। गले मे फांसी का फंदा था जो जिस पेड़ पर जहर सेवन कर खांसी लगाना चाह रहे थे उस का फंदा आधा पेड़ पर लटका हुआ था।
फिलहाल परिजनों की माने तो उसके पिता ने एक घातक कदम क्यों और किन परिस्थितियों में उठाई है यह उनके भी समझ से परे है पुलिस मामले की जांच में जुट गई है