acn18.com / “भारतीय मानक ब्यूरो” (BIS ) की कृषि मशीनरी गुणवत्ता जांच एवं अप्रूवल कमेटी FAD-11 की अंतरराष्ट्रीय बैठक कल दिल्ली में संपन्न,
16 देशों से आए प्रतिनिधियों ने भी भारत के कृषि मशीनरी विशेषज्ञों तथा निर्माताओं के साथ इस बैठक में लिया भाग,
‘भारतीय मानक ब्यूरो’ ने डॉ राजाराम त्रिपाठी के सुझावों को सराहा तथा उन पर शीघ्र कार्य किए जाने का दिलाया भरोसा।
वरिष्ठ वैज्ञानिक व निदेशक डॉ सी आर मेहता,डॉ सुनीति टुटेजा निर्देशक खाद्य व कृषि विभाग,डॉ विक्रांत सिंह चौहान संयोजक FAD-11 चौहान की रही प्रमुख भूमिका,
भारत सरकार के “भारतीय मानक ब्यूरो” (BIS ) की कृषि मशीनरी गुणवत्ता जांच एवं अप्रूवल कमेटी FAD-11 की अंतरराष्ट्रीय बैठक कल शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली में BIS प्रधान कार्यालय ‘मानक-भवन’ के डॉ लाल सी वर्मन हाल में संपन्न हुई।
उल्लेखनीय रूप से इस बैठक में देश भर से आए अग्रणी कृषि मशीनरी तकनीक विशेषज्ञों, संबंधित वैज्ञानिकों तथा देश के अग्रणी कृषि मशीनरी निर्माताओं ने भाग लिया। इसके साथ विशेष रूप से 16 देशों से आए प्रतिनिधियों विशेषज्ञों ने भी इस बैठक में भाग लिया तथा सक्रिय भागीदारी निभाई।
बस्तर तथा छत्तीसगढ़ के लिए यह बड़े गौरव का विषय रहा कि बस्तर कोंडागांव के किसान डॉ.राजाराम त्रिपाठी जो कि इस समिति के सदस्य हैं, ने भी इस महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय बैठक में हिस्सा लिया। अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा के राष्ट्रीय-संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने अपने पैंतालीस सहयोगी किसान संगठनों तथा देश भर के प्रगतिशील किसानों की और से इस बैठक में भाग लेते हुए कृषि मशीनरी की गुणवत्ता संबंधी किसानों की जरुरी समस्याओं को समिति के समक्ष बेबाकी से रखा तथा कई जरूरी मुद्दों पर महत्वपूर्ण सूझाव भी दिए।
डॉ त्रिपाठी ने कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद इस देश के जीवट किसान वैश्विक उन्नत वैज्ञानिक तकनीक के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करते हुए, एक नए कृषि युग में प्रवेश करने की प्रक्रिया में हैं। अन्य विकसित देशों के समृद्ध प्रगतिशील किसानों की देखा देखी अब छोटे-छोटे-सैकड़ो किसान भी मिलकर क्लस्टर में, सामूहिक खेती बड़े ड्रोन्स के साथ ही साथ हेलीकॉप्टर तथा वायुयान से खेती की देखभाल करने का प्रयास कर रहे हैं। बढ़ती कृषि लागत तथा कृषि में मजदूरों की समस्या को देखते हुए अब इस तरह के किफायती तकनीकी संसाधन देश की खेती में भी जरूरी हो गए हैं। यह विडंबना है कि अभी भी हमारे देश में खेती के जरूरी उपयोग हेतु हेलीकॉप्टर एवं छोटे वायुयानों खरीदने की अनुमति,, उनके लाइसेंस,परिचालन तथा रखरखाव संबंधी सुनिश्चित मानक तय नहीं किए गए हैं। कृषि हेतु उपयुक्त छोटे हेलीकॉप्टर तथा छोटे वायुयानों की खरीद पर एवं इनके परिचालन के प्रशिक्षण व लाइसेंस पर भी राज्य तथा केंद्र के कृषि मंत्रालय द्वारा अधिकतम अनुदान दिया जाना चाहिए। इससे संबंधित नियमों को कागजी कार्यवाही की जटिलताओं से मुक्त करते हुए इनका तत्काल सरलीकरण किया जाना चाहिए। डॉक्टर त्रिपाठी ने जोर देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत सरकार हेलीकॉप्टर तथा वायुयानों के कृषि उपयोग हेतु सुनिश्चित व्यावहारिक मानक तय करें तथा इसके लिए किसानों के प्रशिक्षण एवं खरीद पर समुचित अनुदान भी प्रदान करें।
भारतीय मानक ब्यूरो’ के निदेशक डॉक्टर सी आर मेहता ने तथा उनके सहयोगी विशेषज्ञ मंडल ने डॉ राजाराम त्रिपाठी के सुझावों को सराहा तथा उन पर शीघ्र ही कार्य किए जाने का भरोसा भी दिलाया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा निदेशक डॉ सीआर मेहता ने की तथा डॉक्टर सुनीति टुटेजा निर्देशक खाद्यान्न कृषि विभाग भारतीय मानक ब्यूरो तथा फैड- 11 के संयोजक विक्रांत सिंह चौहान (वैज्ञानिक तथा सहायक निदेशक) कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रमुख भूमिका निभाई।
कार्यक्रम देश की कृषि मशीनरी विशेषज्ञ तथा निर्माताओं के अलावा 16 देश से आए अतिथि प्रतिनिधियों ने भी कृषि मशीनरी तथा गुणवत्ता को लेकर अपने-अपने सवाल रखे, जिसका डॉ. सी आर मेहता,डॉ. सुनीति टुटेजा डॉ. विक्रांत चौहान एवं भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञ मंडल के द्वारा बखूबी संतोषजनक जवाब दिया गया।
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