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एक बेटे को खोने वाली गीता 3 साल बाद बनी ट्रिपलेट मॉम, नवरात्रि में मिला 6 मिनट में 3 बच्चों का तोहफा

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acn18.com उज्जैन / अपने मासूम बेटे को खोने से मायूस मां को नवरात्र में छप्पर फाड़कर खुशियां मिलीं। डिलीवरी के दौरान महिला ने एक-एक मिनट के अंतराल से तीन बच्चों को जन्म दिया। एक साथ तीन किलकारियों के गूंजन से परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा, वहीं डॉ. इंदूसिंह भी मेडिकल साइंस के अनूठे मामले का गवाह बन उत्साह से भर गईं। महिला के पति धन्नालाल ने कहा- ईश्वर ने एक बच्चा छीन लिया, लेकिन उसके बदले में एक साथ तीन बच्चों का बड़ा तोहफा दिया है।

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उज्जैन में स्थित एक हॉस्पिटल में नागदा तहसील के अजीमाबाद पारदी की 28 वर्षीय गीता बाई ने तीन स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। एक लड़का और दो लड़कियों को जन्म देने वाली ट्रिपलेट मॉम गीता बाई और तीनों नवजात स्वस्थ हैं।

डॉ. बोलीं जिले का संभवत: पहला मामला

डॉ. इंदू सिंह ने बताया कि जिले का संभवत: पहला मामला है। मेरे करियर में तो पहली बार ही किसी मां ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। डॉ. इंदू बोलीं, गीताबाई ने पहली बच्ची को 5.28 बजे जन्म दिया, इसके एक मिनट बाद 5.29 बजे दूसरे बेटे और 5.30 बजे तीसरी बेटी को जन्म दिया। तीनों बच्चों में एक का वजन 1500 ग्राम, दूसरे का 1800 ग्राम और तीसरे का 1900 ग्राम है।

दुर्लभ घटना

डॉ. इंदू ने यह भी कही कि भारत में एक साथ तीन बच्चों को जन्म देना दुर्लभ घटना है। एक साथ तीन बच्चों को जन्म देने वाली महिला को ट्रिपलट्स या ट्रिपलेट मॉम कहते हैं। शोध अध्ययनों के अनुसार भारत में एक साथ तीन बच्चों को जन्म देने की घटनाएं हजारों में एक होती है।

ट्रिपलेट मॉम गीताबाई की मार्मिक कहानी

नागदा से 2 किमी दूर ग्राम अजीमाबाद पारदी का राठौड़ परिवार को तीन वर्ष पहले पहाड़ सा दुख मिला। तीन साल पहले गीताबाई ने 5 मार्च को बच्चे को जन्म दिया लेकिन 21 दिन के बच्चे की सांसें 25 मार्च को हमेशा के लिए उखड़ गईं। इसके बाद नैराश्य में घिरने से गीता बाई को गर्भ नहीं ठहर रहा था। वह डॉ. इंदूसिंह के पास पहुंची।

लगभग 6 महीने के इलाज के बाद गीताबाई ने गर्भधारण किया। दूसरे महीने की सोनोग्राफी में गीताबाई के गर्भ में तीन भ्रूण की पुष्टि हुई। ट्रिपलेट प्रेग्नेंसी में एक बच्चे को खतरा रहता है, लेकिन तीसरे महीने की सोनोग्राफी में तीनों बच्चे स्वस्थ थे। 8वें महीने की सोनोग्राफी में एक बच्चे के साथ खतरा पैदा होने की स्थिति बनी, आखिरी में पानी की कमी सामने आई, लेकिन इलाज जारी रखा गया। 9वां महीना चढ़ने के 10 दिन बाद ही महिला को एडमिट किया गया।

डॉ. सिंह के नेतृत्व में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. सुजीत निगम, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश मांदलिया, डॉ. विशाखा की टीम ने महिला की सर्जरी शुरू की। 40 मिनट की सर्जरी के बाद गीताबाई ने तीन बच्चों को जन्म दिया। पहले वजन का कम होने से उसे एसएनसीयू में रखा गया है। मां और अन्य बच्चे स्वस्थ हैं।

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