acn18.com/बांग्लादेश के चिटगांव में कट्टर इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने शुक्रवार की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली। इसमें इस्कॉन भक्तों को पकड़ने और उनका कत्ल करने के नारे लगाए गए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस्कॉन पर बैन नहीं लगाया गया तो वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने 5 नवंबर को हजारी लेन इलाके की घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाने की मांग की।
मुस्लिम व्यापारी की फेसबुक पोस्ट से शुरू हुआ विवाद रिपोर्ट्स के मुताबिक एक मुस्लिम व्यापारी उस्मान अली ने फेसबुक पर इस्कॉन को आतंकी संगठन कहा था। इससे हिंदू नाराज हो गए थे। उन्होंने 5 नवंबर को चटगांव में हजारी लेन इलाके में उस्मान की दुकान के आगे विरोध प्रदर्शन किया।
आर्मी ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। इससे वे और भड़क गए। इसमें 12 पुलिसवाले और कई हिंदू घायल हो गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद रात में अचानक पुलिस और सेना हजारी लेन पहुंची और स्थानीय हिंदुओं को खूब पीटा। हजारी गली इलाके में करीब 25,000 लोग रहते हैं, इनमें 90% हिंदू हैं।
वही, इस्कॉन ने दावा किया है कि हजारी लेन की घटना में उनका हाथ नहीं है। उन्होंने अपने भक्तों की सुरक्षा की मांग भी की है।
भारत में भी बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा की मांग
उठी इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हम बांग्लादेश में गंभीर स्थिति से बेहद चिंतित हैं। इस्लामी कट्टरपंथी खुलेआम भक्तों को पकड़ने, उन्हें यातना देने और फिर उन्हें मार डालने की धमकी दे रहे हैं। हम उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। इन हिंसक कार्रवाइयों को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए।’
बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हैं हमले, 3 महीने में 250 से ज्यादा मामले
कुछ ही दिन पहले, चटगांव में इस्कॉन संगठन के सचिव चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी उर्फ चंदन कुमार धर पर भी मामला दर्ज किया गया था। उन पर चटगांव के न्यू मार्केट में आजादी स्तंभ पर लगे नेशनल फ्लैग से ऊपर भगवा ध्वज फहराने का आरोप था। इस ध्वज पर ‘सनातनी’ लिखा हुआ था।
बांग्लादेश में 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार गिर गई थी। तब से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले के 250 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।