acn18.com रायपुर/ छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज चौथा दिन है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी है। अजय चंद्राकर ने प्रदेश सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए सदन में जमकर हमला बोला है। उन्होंने सदन में मंत्रियों की गैर मौजूदगी को लेकर सरकार को घेरा है।
सुराजी गांव योजना, ये योजना क्या काम करती है, क्या मापदंड है ये बताए कांग्रेस। नरवा गरवा घूरवा बाड़ी योजना के लिए बड़ी बातें हुई, पर इसमें क्या हुआ। 17 दिसंबर के बाद हम गोबर के सच्चाई की जांच कराएंगे, और जो भी आरोपी होगा उन्हें जेल भेजा जाएगा। सरकार कोदो कुटकी रागी के समर्थन मूल्य घोषित करने की बात करती है, लेकिन राज्य सरकार से पहले ही केंद्र सरकार ने इसका समर्थन मूल्य घोषित कर चुकी है।
चंद्राकर के बयान पर मुख्यमंत्री का पलटवार
भूपेश बघेल ने अजय चंद्राकर के भाषण पर तंज कसते हुए कहा कि,आज बिना बहके सही दृष्टि से बात रखे हैं। लेकिन केवल रागी का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार दे रही है, जबकि कोदो कुटकी के समर्थन मूल्य की मांग हमने केंद्र सरकार से की है।
शुक्रवार को विधानसभा में प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय और GDP की ग्रोथ को पेश किया गया। अब इस पर भाजपा के मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा, भाजपा सरकार में प्रदेश में आम लोगों की आय में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, लेकिन अब सिर्फ 10 फीसदी की बढ़त है।
चिमनानी ने बजट सत्र को लेकर कहा- 2003 में छत्तीसगढ़ की गिनती बीमारू राज्य में होती थी प्रदेश का बजट केवल 6 हजार से 9 हजार करोड़ रुपए था । 2003 में प्रति व्यक्ति आय 12 हजार रुपए थी जबकि भाजपा की सरकार के जाते तक 92 हजार रुपए हो चुकी थी। आज तो प्रदेश का बजट एक लाख करोड़ से ज्यादा हो गया। ऐसे में प्रति व्यक्ति आय महज 10 प्रतिशत बढ़ना कांग्रेस के कुशासन का परिणाम है।
कांग्रेस जश्न मना रही
प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय को लेकर कांग्रेस का दावा अलग है। इसे जश्न और आम आदमी की खुशहाली से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा- भूपेश सरकार में आम आदमी की आय 1 लाख 33 हजार 898 है। रमन सरकार के पिछले कार्यकाल में ये आय 92 हजार 35 रुपए थी। 41 हजार 845 की बढ़ोतरी कांग्रेस की कुशल नीतियों की वजह से संभव हो पाया है।
कर्मचारियों पर रार
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- हमने सदन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, सहायक शिक्षक और 5 लाख से ज्यादा आंदोलनरत कर्मचारी, पुलिस के जवान, समेत कई मुद्दों पर सरकार से चर्चा करना चाहते थे, लेकिन सत्ताधारी दल सच्चाई सुनना नहीं चाहता। कांग्रेस ने जन घोषणापत्र में वादा किया था कि आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों को हम पूरा करेंगे। लेकिन कांग्रेस सरकार अब वादे से मुकर रही है।