spot_img

हिंदू नववर्ष का पहला प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व पूजा विधि से लेकर सबकुछ

Must Read

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है. प्रदोष व्रत की पूजा भगवान शिव को समर्पित होती है. पंचांग के अनुसार माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ते हैं. पहला प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है.

- Advertisement -

सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. सोमवार का दिन भगवान शिव का प्रिय दिन होता है. ऐसे में हिंदू नववर्ष ( hindu new year)का पहला और सोमवार के दिन प्रदोष व्रत का होना बहुत ही शुभ व अद्भुत संयोग माना जा रहा है.

जाने मान्यता

सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत के खास महत्व के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि सोमवार को पड़ने वाले सोम प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने और पूजा करने से दो गाय के दान के समान फल की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन श्रद्धाभाव के किए पूजन से भगवान शिव की कृपा बरसती है और वे भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देते हैं. माना जाता है कि ऐसे लोग जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति कमजोर होती है या चंद्र दोष होता है उन्हें सोम प्रदोष व्रत जरूर रखना चाहिए.।

 

सोम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 

सोमवार 3 अप्रैल सुबह 06:25 पर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 4 अप्रैल सुबह 08:06 पर होगा. पूजा के लिए 3 अप्रैल शाम 06:40 से 08:58 का समय शुभ रहेगा.

सोम प्रदोष व्रत पूजन विधि

प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसके लिए सुबह के बाद शाम में एक बार फिर से स्नान करें और शिव पूजा की तैयार करें. भगवान शिव का जलाभिषेक करें और इसके बाद सफेद फूल, बेलपत्र, अक्षत, भांग, भोग आदि चढ़ाकर पूजा करें. धूप-दीप जलाएं और सोम प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुने।

बेमौसम बारिश से किसान परेशान, फसलों को जबरदस्त नुकसान, जानें प्रदेश में आज कैसा रहेगा मौसम का हाल

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

राखड़मय हुआ झगरहा चौक,आक्रोशित लोगों ने किया चक्काजाम,वाहनों की लगी लंबी कतार। देखिए वीडियो।

Acn18.com/छत्तीसगढ़ के उर्जाधानी के नाम से मशहूर कोरबा जिला अब धीरे धीरे राखड़ की नगरी के रुप में परिवर्तित...

More Articles Like This

- Advertisement -