राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल ट्रेन आगजनी (Kerala Train Fire) मामले में एकमात्र आरोपी के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. अप्रैल में घटित इस घटना में एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी और नौ लोग घायल हुए थे. संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि नई दिल्ली के शाहीन बाग इलाके के निवासी शारुख सैफी को भारतीय दंड संहिता (आईपीएस), गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), रेलवे अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम (पीडीपीपी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया गया है.
27 साल के शारुख सैफी पर दो अप्रैल को अलाप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस के डी1 कोच में आग लगाकर आतंकवादी कृत्य करने का आरोप है. प्रवक्ता ने आरोप-पत्र के हवाले से कहा, ‘इस भयानक मामले में एकमात्र आरोपी शारुख ने यात्रियों पर पेट्रोल छिड़का था और लोगों को मारने के इरादे से लाइटर से बोगी में आग लगा दी थी’. प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी चलती अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस में चढ़ गया था, उसने आतंकी कृत्य को अंजाम दिया और रत्नागिरी (महाराष्ट्र) भागने से पहले कन्नूर तक उसी ट्रेन में यात्रा करता रहा. प्रवक्ता के अनुसार, उसे ट्रेन से अंततः गिरफ्तार कर लिया गया.
अधिकारी ने कहा कि शारुख ने 31 मार्च को नई दिल्ली से केरल की यात्रा शुरू की थी और दो अप्रैल को वहां पहुंचा था. प्रवक्ता के मुताबिक आरोपी ने शोरानूर में एक पेट्रोल पंप से पेट्रोल और वहीं रेलवे स्टेशन के पास की दुकान से एक लाइटर खरीदा था. अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चलता है कि उसने आतंक और आगजनी से जुड़े कृत्य के लिए केरल को चुना था, क्योंकि वह अपने ‘जिहादी’ कृत्य को ऐसे स्थान पर अंजाम देना चाहता था, जहां उसे पहचाना न जा सके.
‘लोगों के मन में आतंक पैदा करना चाहता था’
प्रवक्ता ने कहा कि आम जनता के मन में आतंक पैदा करने के उद्देश्य से किए गए कृत्य के बाद उसका इरादा सामान्य जीवन में लौटने का था. अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने हिंसक उग्रवाद और जिहाद के पक्ष में सोशल मीडिया पर उपलब्ध विभिन्न ऑनलाइन प्रचार सामग्री के माध्यम से कट्टरपंथ का रास्ता अपनाया था. यह मामला शुरू में केरल के कोझिकोड रेलवे पुलिस थाने में और बाद में विशेष जांच दल द्वारा दर्ज किया गया था. 17 अप्रैल को गृह मंत्रालय के निर्देशन में मामले की जांच अपने हाथ में ले ली. अपनी जांच के दौरान, एनआईए ने दिल्ली में 10 स्थानों पर तलाशी ली और डिजिटल उपकरण जब्त किए. प्रवक्ता ने कहा कि कई गवाहों से पूछताछ की गई और रेलवे स्टेशन से सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किए गए हैं.