acn18.com कोरबा /कोरबा में शहर सौंदर्यीकरण के नाम पर सरकारी राशि का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि सर्वमंगला मंदिर चैक पर लाखों रुपये खर्च कर आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित करने मूर्तियां तो लगा दी गई लेकिन उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। यही वजह है,मूर्तियों आज जर्जर होने के साथ ही कचरे के ढेर में तब्दील हो गई हो गई है,जिसे देखकर ऐसा लगता है,कि मानो शहर को सुंदर बनाने के नाम पर केवल और केवल कमिशन खोरी का खेल खेला गया है।
कोरबा शहर में सरकारी राशि का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। विकास कार्यों के नाम पर पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है लेकिन उनकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो पा रही है। शहर सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपये तो फूंक दिए गए लेकिन उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। हम बात कर रहे हैं सर्वमंगला मंदिर चैक पर जहां आदिवासियों की संस्कृति को दर्शाने के लिए निगम द्वारा लाखों रुपये खर्च कर मूर्तियों की स्थापना करने के साथ ही आकर्षक साज सज्जा भी की गई लेकिन उनकी हालत देखकर ऐसा लगता है,कि मानों सिर्फ कमिशन खोरी के लिए उनकी स्थापना की गई हो। मूर्तियां जहां पूरी तरह से टूट-फूट गई है वहीं उनके आस-पास कचरे का अंबार लग गया है। शहर सौंदर्यीकरण की इस स्थिती को देखकर लग रहा है,कि स्वार्थ सिद्धी होने के बाद अधिकारियों ने इन्हें अपने ही हाल पर छोड़ दिया है। लोगों का भी यही कहना है,कि विकास के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जा रही है,विकास कार्यों के नाम पर अधिकारी अपनी जेबों को गर्म कर लेते हैं फिर उसे उसके हाल पर छोड़ देते है। इस तरह के कई विकास कार्य कोरबा शहर में हुए लेकिन उसकी पूछ परख करने वाला कोई नहीं है।
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