acn18.com रायपुर।हवा-तूफान, बारिश और ओले ने फल-सब्जियों की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश में लाखों रुपये के आम जमीन पर आ गिरे हैं।
छत्तीसगढ़ में लंगड़ा, आम्रपाली, दशहरी व मल्लिका आम की खेती लगातार बढ़ रही है। तीन-चार वर्ष पहले की स्थिति पर गौर करें तो प्रदेश में आम की पूर्ति के लिए आंध्रप्रदेश पर भी निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन स्थानीय बाजारों में जिलों से भी आवक शुरू हो गई है, लेकिन मौसम की मार ने एक बार फिर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।
बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को बुरी तरह प्रभावित
पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने देश के कुछ हिस्सों में खाद्यान्न और बागवानी फसलों दोनों को प्रभावित किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) एके सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पहले बेमौसम बारिश से नुकसान नहीं हुआ, लेकिन बाद में बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। फिलहाल हम कुल नुकसान लगभग 20 प्रतिशत तक होने का अनुमान लगा रहे हैं।’’ आम की फसल का नुकसान उत्तर भारत में अधिक रहा है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश जो देश में एक प्रमुख आम उत्पादक राज्य है।