Acn18.com/हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों और सरकार में बातचीत विफल होने के बाद उन्होंने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे-44 पर पिपली के पास जाम लगा दिया है। किसान फ्लाईओवर और सर्विस रोड बंद कर धरने पर बैठ गए हैं। पुलिस ने जाम के चलते वाहनों के रूट डायवर्ट किए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-”पीपली अनाज मंडी में MSP महापंचायत में फैसला लिया गया की हम अपनी मांगे माने जाने तक हाईवे को बंद रखेंगे। अतः सभी प्रदेशों की इकाई अग्रिम सूचना तक कुरूक्षेत्र पर नजर बनाए रखें और अगले आदेश का इंतजार करें,सरकार की यह दमनकारी नीति देश का अन्नदाता बर्दाश्त नहीं करेगा।
इससे पहले किसान नेताओं ने कहा कि 2 बार प्रशासन से बातचीत हुई है। उन्होंने CM से करनाल में बात करने का भरोसा दिया लेकिन फिर कहा कि वे चले गए हैं। इससे साफ है कि सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए लाठी-डंडे पड़ें या जेल भेजें, अब हाईवे जाम किया जाएगा।
किसानों की सूरजमुखी को लेकर ‘MSP दिलाओ-किसान बचाओ रैली’ हुई। इसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। किसान सूरजमुखी पर MSP और किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी व दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
पहले देखिए हाईवे जाम और महापंचायत की तस्वीरें:-
जानिए ये पूरा विवाद क्या है?…
हरियाणा सरकार ने ऐलान किया था कि वह सूरजमुखी को भावांतर योजना के तहत खरीद करेगी। जिसमें मार्केट रेट पर खरीद में हुए नुकसान की भरपाई सरकार करती है। मगर, किसान MSP पर खरीद की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार से वार्ता हुई, लेकिन वह विफल रही। इसके बाद 6 जून को किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।
इस बीच पुलिस हाईकोर्ट के ऑर्डर लाई और 15 मिनट में जाम खोलने को कहा। किसान नहीं माने तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। पुलिस किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी समेत अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान किसानों की तरफ से भी पत्थरबाजी करने के आरोप लगे। हालांकि पुलिस देर शाम हाईवे खुलवाने में कामयाब रही।
नेताओं को हिरासत में लेने के बाद किसान भड़क गए। 7 जून को पूरे हरियाणा में सड़कें जाम करने का ऐलान कर दिया गया। ऐलान के मुताबिक किसानों ने रोड जाम कर दिए। टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया। इस दिन भी कई किसान हिरासत में लिए, लेकिन शाम को वो छोड़ दिए थे। रोहतक में किसानों और पुलिस में झड़प हुई थी।
इसी दिन गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 9 किसान नेताओं को पुलिस ने कुरुक्षेत्र जिला कोर्ट में पेश किया। अदालत में सभी ने जमानत लेने से मना कर दिया। इसके बाद सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इसके बाद कुरुक्षेत्र के शाहबाद में किसान नेताओं की रिहाई और एमएसपी को लेकर पंचायत हुई। जिसमें किसान संगठनों ने 12 जून को पिपली में महापंचायत का फैसला लिया।
इस प्रदर्शन पर किस नेता ने क्या कहा…
टिकैत बोले- MSP पर आवाज उठाई तो लाठियां मिली
रैली में राकेश टिकैत ने कहा-”किसानों ने MSP पर आवाज उठाई और उन्हें लाठियां मिली। सवाल सिर्फ एक फसल पर MSP का नहीं है। सरकार रेट घोषित करती हैं लेकिन उस पर खरीद नहीं करती। MSP गारंटी कानून होना चाहिए। आने वाले समय में इस कानून के लिए आंदोलन होंगे। देश में कलम-कैमरे पर बंदूक का पहरा है।
चढ़ूनी की गलती सिर्फ इतनी थी कि MSP मांगी। हरियाणा सरकार किसानों को जल्द रिहा करे। कोई भी किसानों के आंदोलन को लाठियों से नहीं दबा सकता। एक किसान पर लाठी पड़ेगी तो पूरे देश का किसान इकट्ठा होगा।
किसान बोले- लड़ाई सूरजमुखी और कमल के फूल की
किसान नेताओं ने कहा कि सूरजमुखी पर MSP मांग रहे गुरनाम चढ़ूनी और उनके समर्थक किसानों पर लाठियां बरसाई गई। ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब ये लड़ाई सूरजमुखी और कमल के फूल (BJP का चुनाव चिन्ह) की है।
बजरंग पूनिया बोले- पहले टेनी, अब बृजभूषण पर कोई एक्शन नहीं
पहलवान बजरंग पूनिया भी यहां आए। यहां बजरंग पूनिया ने कहा-”पहले किसान UP में घटना के जिम्मेदार अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ लड़ रहे थे। हम बृजभूषण के खिलाफ लड़ रहे हैं। किसी पर एक्शन नहीं हुआ। किसानों काे सड़क पर खड़े देखकर दुख होता है। हम भी ऐसे ही परिवारों से हैं। हम जितने भी खिलाड़ी हैं, हम आपके साथ हैं।
चढूनी ने सेनापति तैयार किए, गलतफहमी में न रहे सरकार: हुड्डा
BKU चढूनी ग्रुप की महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन हुड्डा ने कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है। किसान आज पिपली की धरती से MSP दिलाओ-किसान बचाओ आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। यही, कुरुक्षेत्र की धरती है जहां से महाभारत की शुरुआत हुई थी।
पिछला किसान आंदोलन भी पिपली से शुरू किया गया था। किसान नेता गुरनाम सिंह की चढूनी के जेल पर जाने पर हुड्डा ने कहा कि चढूनी ने हर किसान को सेनापति के रूप में तैयार किया है। सरकार किसी तरह की गलतफहमी में न रहे।