acn18.com छत्तीसगढ़ /भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा किया है। यही कारण है की किसान धान बेचने सोसाइटियों तक पहुंच ही नहीं रहे हैं। उन्हें भी इंतजार है 3 दिसंबर का। इस दिन पता चल जाएगा कि किसकी सरकार आ रही है। नई सरकार जैसे ही घोषणा पत्र पर अमल करते हुए धन का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मुनादी करेगी किसान धान लेकर मंडी या समिति के पास पहुंच जाएंगे।
1 नवंबर से छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी शुरू हो गई है। शुरुआती दोनों में तो किसानों ने धान बेचना शुरू किया लेकिन धीरे-धीरे सक्षम किसानों ने अरुचि दिखानी शुरू कर दी। कोरबा समेत छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में यही दृश्य है। किसानों का मानना है कि 3 दिसंबर को तय हो जाएगा कि सरकार किसकी आ रही है ।और उन्हें उम्मीद है कि चूंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की है इसलिए जिसकी भी सरकार आएगी वह अपने घोषित दर पर धान खरीदेंगी । ऐसा मानकर धान बेचना बंद कर दिया गया है
गौरतलब है कि भाजपा ने जहां 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने और एक मुस्त राशि दिए जाने की घोषणा की है वहीं कांग्रेस ने 32 00रुपए क्विंटल धान खरीदी के साथ कर्ज माफी की घोषणा भी कर दी है। बहरहाल किसानों को भी इंतजार है 3 दिसंबर का ।देखना है की सरकार किसकी बनती है और किसानों को धान का कितना समर्थन मूल्य प्राप्त होता है
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