acn18.com/ शंभू बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में एक किसान ने सल्फास निगल लिया। किसान रेशम सिंह (55) तरनतारन जिले के पहूविंड का रहने वाला है। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि रेशम सिंह शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से आंदोलन के बावजूद सरकार की तरफ से इसका समाधान न निकालने से नाराज था। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
किसानों का कहना है कि सुबह लंगर स्थल के पास ही किसान ने सल्फास खाई है। जैसे ही इस बारे में किसानों को पता चला तो उन्हें तुरंत मौके पर प्राथमिक सहायता दी गई। इसके बाद उन्हें लेकर तुरंत अस्पताल के लिए रवाना हो गए।
इससे पहले भी 14 दिसंबर को किसान रणजोध सिंह ने सल्फास निगल लिया था। वह उस दिन दिल्ली कूच न करने देने से नाराज हुआ था। करीब 4 दिन बाद उसकी पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में मौत हो गई थी।
वहीं दूसरी तरफ खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक है। आज उनके अनशन का 45वां दिन है। डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर (BP) लगातार गिर रहा है। ऐसे में अब वह किसी से मुलाकात नहीं करेंगे।
बुधवार को डल्लेवाल का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए डॉक्टरों ने कहा कि उनके पैरों को अगर शरीर के अन्य हिस्सों के बराबर करते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। ब्लड प्रेशर थोड़ा स्थिर करने के लिए उनके पैरों को ऊंचाई पर रखना पड़ रहा है। उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही है। बुधवार को पूरा दिन वो अपनी ट्रॉली में ही रहे।
सपा के सांसद डल्लेवाल से मिलने पहुंचे वहीं आंदोलन को समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है। पार्टी के उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सांसद व नेशनल जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र मलिक ने बुधवार को डल्लेवाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों से पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव से फोन पर बात करवाई। अखिलेश ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों से बात करेंगे और प्रयास करेंगे कि सभी राजनीतिक पार्टियां आपसी मतभेद भुलाकर MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर एकजुट हों, ताकि किसानों की आत्महत्याओं को रोका जा सके।
किसान नेता बोले- कृषि मंत्री डल्लेवाल से बात क्यों नहीं करते किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि हमारे देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली के किसानों से मीटिंग करके कहते हैं कि हमारी योजनाओं का लाभ आपको नहीं मिल रहा है, इसलिए वो दुखी हैं, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें 13 फरवरी 2024 से सड़कों पर बैठे किसान एवं आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल का संघर्ष नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि कृषि जनगणना 2016 के अनुसार दिल्ली में 21000 किसान थे, जिनकी संख्या पिछले 8 साल में घट चुकी है। डल्लेवाल की बिगड़ती हालत के मद्देनजर केंद्र सरकार को गंभीर होकर किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए।
किसानों की आगे क्या रणनीति…
1. PM के पुतले जलाएंगे किसानों ने 10 जनवरी को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। इस दौरान प्रधानमंत्री का पुतला जलाया जाएगा। जबकि 13 जनवरी को लोहड़ी वाले दिन केंद्र सरकार की एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी के ड्राफ्ट की कॉपियां जलाई जाएंगी।
2. 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी की है। किसान नेताओं ने लोगों से आह्वान किया है वह ज्यादा संख्या में आंदोलन में शामिल हों।
सुप्रीम कोर्ट बोल चुका- हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल को लेकर 8 सुनवाई हो चुकीं हैं। पहली सुनवाई 13 दिसंबर को हुई थी। इसमें कोर्ट पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कह चुका है कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए मोहलत भी दी थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।