Acn18.com/मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कल दो गिरफ्तारियां रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसी प्रतिशोध की भावना से काम नहीं कर सकती और उसे उच्चतम स्तर की निष्पक्षता के साथ काम करते हुए दिखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुग्राम स्थित रियल्टी समूह एम3एम के निदेशक बसंत बंसल और पंकज बंसल की गिरफ्तारी को रद्द कर दिया.
बंसल ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज अपलोड किए गए अपने फैसले में कहा, “ईडी की हर कार्रवाई पारदर्शी, निष्पक्ष और कार्रवाई में निष्पक्षता के प्राचीन मानकों के अनुरूप होने की उम्मीद है.” अदालत ने कहा, इस मामले में, तथ्यों से पता चलता है कि जांच एजेंसी “अपने कार्यों का निर्वहन करने और अपनी शक्तियों का प्रयोग करने में विफल रही.”
न्यायाधीशों ने कहा, “ईडी से अपने आचरण में प्रतिशोधी होने की उम्मीद नहीं की जाती है.” उन्होंने कहा कि पूछे गए सवालों का जवाब देने में आरोपियों की विफलता प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकती है. ED को यह विश्वास करने के लिए विशेष रूप से कारण ढूंढना होगा कि आरोपी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध के दोषी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “समन के जवाब में केवल असहयोग करना किसी को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा