बिलासपुर। कानन पेंडारी चिड़ियाघर में एक ऐसी जगह भी है, जहां पर्यटकों की आंखों को सुकून मिलती है। सैकड़ों पेड़ों के इस झुंड के नीचे बैठना पर्यटकों को खूब पसंद आता है। इसके अलावा सेल्फी व ग्रुप फोटो लेकर मित्रों को शेयर भी कर सकते हैं। पर्यटक जू में वन्य प्राणियों का दीदार करने के साथ ही इस जगह को देखने के लिए पहुंचते हैं। यहां बैठकर परिवार के साथ आराम से भोजन भी करते हैं। वन्य प्राणियों के साथ- साथ हरियाली कानन जू की पहचान है। शहर या आसपास के नहीं बल्कि राज्य के अलग- अलग जिले और प्रदेश के बाहर से भी पर्यटक यहां भ्रमण करने के लिए पहुंचते हैं। पर्यटकों की जू के प्रति लोकप्रियता को देखते हुए जू प्रबंधन ने पैगोड़ा, पानी और झूले- फिसलपट्टी जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई है।
जू प्रबंधन जितना वन्य प्राणियों की जतन करने में जुगत लगाता है, उतना ही यहां की हरियाली की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। जू प्रबंधन का यह प्रयास रहता है कि जब भी कानन यहां पहुंचे कुछ नया देखने को मिले। यहीं कारण है कि जू में दो ऐसी जगह को साफ- सुथरा कर नया बैठक स्थल बनाया है, जहां वह बड़े आराम से परिवार के साथ पिकनिक का लुत्फ उठा सकते हैं। वैसे तो कानन में ऐसी कई जगह है, जहां पर्यटकों को बैठना, तस्वीर लेना या परिवार के साथ भोजन करना खूब पसंद आता है। लेकिन, एक ऐसी जगह भी है, जो बड़े- बड़े शहरों के पर्यटन स्थलों की याद दिलाता है। यह स्थान बाइसन केज से ठीक पहले हैं।
जहां एक या दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में पेड़ है और सभी एक दूसरे से सटे हुए हैं। यह कानन पेंडारी जू की सबसे खूबसूरत जगह है। पेड़ों की हरियाली व छांव को देखकर ही पर्यटकों का मन गदगद हो जाता है। पर्यटक इस स्थान पर पहुंचते हैं और हरियाली को देखते हैं तो उनकी उनकी आंखे आश्चर्यचकित हो जाती है। वह यही सोचते हैं कि जू के अंदर हरियाली की इतनी खूबसूरत जगह होगी यह यकीन नहीं होता। जू प्रबंधन ने भी इस जगह की सुंदरता को देखते हुए पेड़ों के नीचे की सफाई करा दी है, जिसके कारण पर्यटकों के बीच यह जगह आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। वह यहां पहुंचकर सुकून महसूस करते हैं। इतना ही नहीं कैमरे में इस सुंदर जगह की तस्वीर भी लेते हैं। जू प्रबंधन का मानना है कि पर्यटकों की इच्छा रहती है कि वह जब भी जू पहुंचे तो उन्हें कुछ नया और आकर्षक चीजें देखने को मिले। पर्यटकों की इस इच्छा को देखते हुए जू प्रबंधन हर समय कुछ नया करने का प्रयास करता है। सैकड़ों पेड़ों की यह हरियाली पर्यटकों को खूब भाती है। जू प्रबंधन भी पर्यटकों की इस जगह हरियालीयुक्त जगह के प्रति दिलचस्पी को देखकर बेहतर ढंग से विकसित करने की योजना बना रहा है।
शेर भी सुकून महसूस करता हुआ
बैठने के लिए होंगी कुर्सियां
जू प्रबंधन का प्रयास है कि आने वाले दिनों में यहां उनके बैठने के लिए कुर्सियां मुहैया कराई। हरे- भरे वृक्षों की नीचे जब वह कुछ पल बैठेंगे तो उन्हें अलग तरह का सुकून मिलेगा।
एक और जगह बन रहा आकर्षक का केंद्र
कानन पेंडारी जू में चीतल केज के पास से जब ईमु केज की ओर मुड़ते हैं, ठीक वहीं पर एक और जगह की सफाई और झाड़ियों की कटाई कर दी गई है। पर्यटक अब यह बैठते हैं।जू प्रबंधन का मानना है कि पहले यहां झाड़ी – झंगर के कारण अव्यवस्था रहती थी। अब पर्यटक को यह जगह भी पसंद आ रही है।
नौ किमी की दूरी पर है कानन पेंडारी
कानन पेंडारी जू बेहद जाना पहचाना है। जब भी शहरवासी मायूस होते हैं या मन मनोरंजन की ओर जाता है, वह कानन में ही जाते हैं। नगर निगम का वार्ड क्रमांक एक सकरी से महज डेढ़ से दो किमी पर स्थित है। नेहरू चौक से इसकी दूसरी नौ किमी पर है। मुंगेली मुख्य मार्ग पर स्थित इस चिड़ियाघर से उसलापुर रेलवे स्टेशन भी नजदीक है। यदि कोई पर्यटक रेलमार्ग से भी यहां आना चाहता है तो उसलापुर रेलवे स्टेशन में उतरकर आसानी से कानन पहुंच सकता है।
कानन पेंडारी जू की स्थिति
- वन्य प्राणियों की संख्या 550
- प्रजातियों की संख्या – 63
- विलुप्त वन्य प्राणी- 27
- क्षेत्र – 65.238 हेक्टेयर (विस्तार के लिए 49.365 अतिरिक्त क्षेत्र प्रस्तावित)।
- उपलब्ध सुविधाएं – बैटरी चालित कार, चिल्ड्रन पार्क, इंटरप्रिटेशन सेंटर, कैंटीन, विश्राम क्षेत्र, पेयजल
- प्वाइंट, शौचालय
- प्रवेश शुल्क – 20 रुपये वयस्क व 10 रुपये अवयस्क