Acn18.com/अपनी कई मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के रेगुलर डॉक्टर से लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं। लंबे समय से हड़ताल चलने के कारण कोरबा जिले में स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय सहित अस्पताल में कामकाज पर काफी असर पड़ा है और इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार के द्वारा एस्मा लागू करने पर भी कर्मचारियों के तेवर में बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। इसलिए 81 कर्मियों को बर्खास्त करने के बाद अब और कर्मियों के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर को प्रस्ताव दे दिया है ।
बड़ी संख्या में चिकित्सा और कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कोरबा जिले में सरकारी स्वास्थ्य केंटो में व्यवस्था चरमरा गई है। इन सबके मौजूद अभी भी अस्पताल में मरीजों का आना जारी है और किसी तरह उन्हें सुविधा उपलब्ध कराई जा रहे हैं। मौजूदा परिस्थितियों में अलग-अलग कर्म से मरीज परेशान हो रहे हैं। इन सबके बीच सीएमएचओ ने बताया कि 60 कर्मचारी वापस लौट आए हैं।
फिलहाल सीमित कार्य बल से काम लिया जा रहा है। कर्मचारियों के वापस लौटने की रफ्तार धीमी है इसलिए एस्मा के अंतर्गत कार्रवाई करने के लिए हमने कलेक्टर को रिपोर्ट दी है।
छत्तीसगढ़ में बरसात के मौसम में स्वास्थ्य विभाग में चल रही हड़ताल के कारण सरकार की आफत बढ़ गई है इसलिए वह हड़ताल पर गए कर्मियों से निपटने के लिए तैयार है सरकार के द्वारा हड़ताल को देखते हुए एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट. लागू कर दिया गया है। एस्मा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के नाम से भी जाना जाता है। यह कानून तब इस्तेमाल किया जाता है जब कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं। इस कानून को हड़ताल को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अबकी बार चुनावी सीजन नजदीक होने के कारण कर्मचारियों पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं हो रहा है ऐसा लगता है कि कर्मचारी भी समझ गए हैं कि निलंबन और बर्खास्त की जैसी कार्रवाई आसान नहीं है और वोट बैंक के चक्कर में देर सबेर सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना होगा।